रूस में पकड़ा गया आतंकी: भारत के बड़े नेता थे निशाने पर
२३ अगस्त २०२२भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) द्वारा दी गई जानकारी पर अलर्ट हो गई है. भारतीय मीडिया में बताया जा रहा है कि एफएसबी ने हिरासत में लिए गए इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी द्वारा दी गई जानकारी को भारतीय एजेंसियों के साथ साझा किया है. बताया जा रहा है कि कजाकिस्तान के नागरिक ने पूछताछ में कथित तौर पर स्वीकार किया कि उसने "भारत की सत्तारूढ़ जमात" के एक सदस्य पर हमले की योजना बनाई थी.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उसे मालूम चला है कि रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव, निकोलाई पेत्रुशेव ने अपने भारतीय समकक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को आईएस आतंकवादी को हिरासत में लेने के बारे में जानकारी दी है. पिछले हफ्ते डोभाल मॉस्को की यात्रा पर थे और तब ही उन्हें यह जानकारी दी गई.
मीडिया खबरों के मुताबिक भारतीय एजेंसियों के पास उस आतंकवादी की पूरी जानकारी है, जिसे एक आईएस नेता ने तुर्की में आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती किया था. एजेंसी उन लोगों के बारे में भी पता लगाने की कोशिश कर रही जिन्होंने संभावित हमलावर को सामान और अन्य रूप में सहायता की हो होती, अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहा होता.
अल कायदा भी दे चुका है धमकी
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का बदला लेने के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) ने पिछले दिनों दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और गुजरात में 'आत्मघाती बम विस्फोट' करने की धमकी दी थी. बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा और पार्टी से निकाले गए नवीन कुमार जिंदल के पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद ये धमकी दी गई थी.
एक्यूआईएस ने अपने बयान में कहा था कि वह वह "पैगंबर की गरिमा के लिए लड़ने" के लिए गुजरात, यूपी, मुंबई और दिल्ली में आत्मघाती हमला करेगा. धमकी भरे बयान में कहा गया था, "भगवा आतंकवादियों को अब दिल्ली, मुंबई, यूपी और गुजरात में अपने अंत का इंतजार करना चाहिए."
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नूपुर शर्मा का विवादित बयान
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर आयोजित एक टीवी डिबेट में हिस्सा लेते हुए पैगंबर मोहम्मद पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. भारत में कई मुस्लिम संगठनों ने नूपुर शर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा और कोर्ट ने नूपुर के खिलाफ दर्ज अलग-अलग मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली हुई है.
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भारत के मुसलमानों के अलावा दूसरे मुल्कों ने भी नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का विरोध किया था. सबसे पहले कतर और कुवैत ने अपना विरोध दर्ज कराया था. इसके बाद सऊदी अरब, ईरान, बहरीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार, जॉर्डन, ओमान, मालदीव ने भी विवादित टिप्पणी की निंदा की थी. विदेशों में हो रही किरकिरी के बाद भारत सरकार ने मामले को संभालने की कोशिश में कहा था कि यह किसी भी तरह से भारत सरकार के विचार को नहीं दर्शाती है और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा चुकी है.
नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद भारत के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और शर्मा के समर्थक दो लोगों की अलग-अलग राज्यों में हत्या कर दी गई थी.