इस्राएल और लेबनान के बीच ऐतिहासिक सीमा समझौता
१२ अक्टूबर २०२२इस्राएल ने एलान किया है कि अमेरिका की मध्यस्थता में लेबनान के साथ समुद्री सीमा विवाद पर समझौता हो गया है. इस्राएली प्रधानमंत्री याइर लापिड के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा है, "इस्राएल और लेबनान समुद्री सीमा विवाद को सुलझाने वाले एक ऐतिहासिक समझौते पर पहुंच गए हैं."
लेबनान के राष्ट्रपति कार्यालय ने भी एक बयान जारी कर अंतिम लिखित दस्तावेज को "लेबनान के लिए संतोषजनक" करार दिया और उम्मीद जताई कि "सीमांकन के समझौते का भी जल्द से जल्द एलान कर दिया जाएगा."
दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने वाले देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संधि को मील का पत्थर बताते हुए सभी पक्षों से इसका सम्मान करने की अपील की है.
गैस के मुनाफे में झुलसी दुश्मनी
इस्राएल और लेबनान एक दूसरे को शत्रु देश की तरह देखते हैं. आधिकारिक रूप से दोनों देश अब भी युद्ध में हैं. अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों पक्षों के बीच सन 2020 में स्थायी समुद्री सीमा तय करने पर बातचीत शुरू हुई. इस वार्ता को शुरुआत में कई झटके लगे. लेकिन भूमध्यसागर में दबी गैस से कमाई करने के ख्वाब ने मतभेदों को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई.
तुर्की, मिस्र, इस्राएल, सीरिया, ग्रीस, साइप्रस और लेबनान के बीच मौजूद पूर्वी भूमध्यसागर में गैस का बड़ा भंडार है और इस पर सभी देशों की नजर है. इस्राएल का अनुमान है कि वहां करीब 1,000 अरब घनमीटर गैस दबी हो सकती है. बीते दो साल से इस इलाके के आस पास तुर्की के गैस खोजने के अभियान ग्रीस और साइप्रस को नाराज कर रहे हैं.
समंदर में गैस और विवाद खोदने के लिए तुर्क जहाज रवाना
यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम बढ़ गये हैं. रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चलते यूरोप, रूसी गैस की सप्लाई को पूरी तरह बंद करने पर विचार कर रहा है. ऐसे में यूरोपीय बाजार तक गैस पहुंचाने की योजना को खासा फायदेमंद माना जा रहा है. इस्राएल चाहता है कि वह भी भूमध्यसागर से गैस निकाले और यूरोप को बेचे. तुर्की, ग्रीस, मिस्र और साइप्रस की भी यही इच्छा है. समुद्री सीमा विवाद के लिए हुई बातचीत के दौरान लेबनान भी यह समझ गया कि इस्राएल के साथ शांतिपूर्ण समझौते से उसे भी फायदा होगा.
गैस भंडार के लिए तुर्की से भिड़ते ग्रीस और मिस्र
शांति और समृद्धि की उम्मीद जगी
दो साल लंबी प्रक्रिया के बाद सितंबर 2022 में अमेरिकी दूत एमॉस होखश्टाइन ने इस्राएल और लेबनान के सामने अंतिम प्रस्ताव का मसौदा रखा. इस्राएल ने मसौदे का स्वागत किया, लेकिन लेबनान ने उसमें कुछ बदलाव करने की मांग की. इस्राएल ने शुरुआत में लेबनान की इस मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया, लेकिन बातचीत चलती रही. हफ्ते भर बाद दोनों पक्षों ने कुछ बदलावों के साथ मसौदे को स्वीकार कर लिया.
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लेबनान में सक्रिय आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह ने भी संधि का स्वागत किया है. हिज्बुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह ने टीवी पर दिये भाषण में कहा, "अगर राष्ट्रपति इस समझौते के प्रति लेबनान का समर्थन आधिकारिक रूप से करते हैं तो फिर हमारे लिए भी....चीजें तय हो चुकी हैं." नसरल्लाह ने उम्मीद जताते हुए कहा कि गैस, "संकट ग्रस्त देश के लिए समृद्धि का अकेला दरवाजा है."
क्या कहता है समझौता
समझौते का अखिरी दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती के मुताबिक टेक्स्ट अंग्रेजी भाषा में लिखा गया है. इसका अरबी अनुवाद किया जाएगा और फिर लेबनान के राष्ट्रपति मिचेल ऑन उसकी समीक्षा करने के बाद दस्तावेज की जानकारी सार्वजनिक करेंगे.
इस बीच टेक्स्ट के कुछ हिस्से मीडिया में लीक हो गए हैं. लीक जानकारियों के मुताबिक कारिस गैस फील्ड इस्राएली सीमा में होगा और काना लेबनान के नियंत्रण में. काना में गैस खोजने का काम फ्रांस की एक कंपनी करेगी. गैस फील्ड से होने वाली आय दोनों देश साझा करेंगे. पूरी और सही जानकारी टेक्स्ट के सार्वजनिक होने के बाद ही मिल सकेगी.
ओेएसजे/एनआर (एपी, एएफपी)