गाजा की सुरंग से मिले 6 बंधकों के शव, इस्राएल में नाराजगी
१ सितम्बर २०२४इस्राएल के मुताबिक, इस्राएली सैनिक उन्हें सुरक्षित लाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनक पहुंचने से पहले बंधकों को मार डाला गया. इस्राएल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के मुताबिक, अनुमान है कि शवों के मिलने से एक या दो दिन पहले उनकी हत्या की गई हो.
गाजा में रेड क्रॉस के दफ्तर के पास हमले में 22 लोगों की मौत
इस्राएली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने पत्रकारों को बताया, "शुरुआती जानकारी के मुताबिक, हमारे वहां पहुंचने से कुछ ही समय पहले वे (बंधक) हमास के आतंकियों द्वारा क्रूरतापूर्वक मार दिए गए." इस्राएली मीडिया के मुताबिक, इस्राएली सैनिकों को रफाह में लड़ाई के दौरान एक सुरंग में ये लाशें मिलीं. यह सुरंग, उस सुरंग से करीब एक किलोमीटर दूर है जहां से पिछले हफ्ते एक अन्य बंधक को जिंदा बचाया गया था.
अब भी हमास के कब्जे में 101 बंधक
जिन छह लोगों के शव मिले हैं, पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले के समय हमास ने उनका अपहरण किया था. आईडीएफ ने एक सोशल मीडिया में बताया, "अभी भी गाजा में हमास ने 101 लोगों को बंधक रखा है. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक कि सभी बंधकों को घर नहीं लौटा लाते."
रफाह हमले पर दुनियाभर में इस्राएल की निंदा
पीएम नेतन्याहू ने बंधकों के मारे जाने पर दुख जताया और कहा कि उनकी हत्या के लिए इस्राएल, हमास को जिम्मेदार मानता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये हत्याएं साबित करती हैं कि हमास संघर्षविराम नहीं चाहता. उन्होंने कहा, "जो बंधकों की हत्या करता है, वह समझौता नहीं चाहता." नेतन्याहू ने हमास ने नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा, "हम तुम्हें खोज निकालेंगे, हम तुम्हें पकड़ेंगे और हम हिसाब बराबर करेंगे."
बंधकों के परिवारों की पीएम नेतन्याहू से नाराजगी
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, बंधकों के शव मिलने के बाद इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध की अपील की जा रही है. हमास और इस्राएल के बीच 10 महीनों से जारी युद्ध को खत्म करने और बंधकों की रिहाई के लिए संघर्षविराम से उम्मीद लगाई जा रही है, लेकिन अब तक समझौता नहीं हो पाया है.
कई बंधकों के परिवार और इस्राएली जनता का एक बड़ा हिस्सा बंधकों की अब तक सुरक्षित वापसी ना होने के लिए पीएम नेतन्याहू को जिम्मेदार मान रहे हैं. बंधकों के परिवार से जुड़े एक समूह "हॉस्टेजेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम" ने संघर्षविराम और बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग करते हुए 1 सितंबर से देशव्यापी बंद शुरू करने की अपील की.
नेतन्याहू और हमास के नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग
अपने बयान में समूह ने कहा, "बंधकों की वापसी से जुड़ा समझौता दो महीने से भी ज्यादा समय से सामने है. अगर इसमें देरी ना हुई होती, जान-बूझकर इसे नाकाम करने की कोशिश ना हुई होती, बहाने ना बनाए गए होते तो आज सुबह हमें जिनकी मौत के बारे में पता चला, वे शायद अब भी जिंदा होते."
समूह ने देशवासियों से अपील की है कि वे साथ मिलकर विशाल प्रदर्शन करें और बंधकों की रिहाई से जुड़े समझौते पर तत्काल अमल के लिए देश में (कामकाज) पूरी तरह ठप कर दें. विपक्षी नेता याइर लापिड ने भी देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हड़ताल करके देश में आर्थिक गतिविधियां रोक दी जाएं और सरकार पर दबाव बनाया जाए. लापिड ने देश के बड़े मजदूर संगठनों और कारोबारों से हड़ताल में साथ आने की अपील की. एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, "वे (छह बंधक जिनके शव मिले हैं) जिंदा थे, लेकिन नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट ऑफ डेथ ने उन्हें ना बचाने का फैसला किया. अभी भी कई बंधक जिंदा हैं. हम अब भी समझौता कर सकते हैं."
जो बाइडेन ने की हमास की निंदा
मारे गए छह बंधकों में 23 साल के इस्राएली-अमेरिकी हैर्श गोल्डबर्ग पोलिन भी हैं. पोलिन उन लोगों में थे, जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दक्षिण इस्राएल के एक संगीत उत्सव से किडनैप किया था. अप्रैल में हमास के जारी किए गए एक वीडियो में पोलिन दिखे थे. उनका बायां हाथ नहीं था.
गाजा में युद्ध पर बाइडेन और नेतन्याहू में बढ़ता तनाव
पोलिन समेत सभी बंधकों की रिहाई के लिए उनके माता-पिता ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को भी संबोधित किया था. 21 अगस्त को पोलिन के पिता जॉन ने डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, "यह एक राजनीतिक सम्मेलन है, लेकिन हमारे इकलौते बेटे और बाकी सभी बंधकों के लिए घर कोई राजनीतिक मसला नहीं है. यह एक मानवीय मुद्दा है." पोलिन की मां ने रैचल ने अपने बेटे को पुकारते हुए कहा था, "अगर तुम हमें सुन सकते हो, तो सुनो कि हम तुम्हें प्यार करते हैं. हिम्मत मत हारना, जिंदा रहना."
अब पोलिन का शव मिलने पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह "सदमे में और बेहद गुस्सा" हैं. बाइडेन ने कहा, "यह जितना दुखद है उतना ही निंदनीय भी है. हमास के नेता इन अपराधों की कीमत चुकाएंगे. हम बाकी बचे बंधकों की रिहाई के लिए समझौता कराने पर लगातार जुटे रहेंगे." अमेरिका की उपराष्ट्रपति और आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस ने भी हमास की निंदा की और कहा कि उनकी प्रार्थनाएं पोलिन परिवार के साथ हैं.
तात्कालिक शांति और बंधकों की रिहाई के लिए संघर्षविराम से उम्मीद
हमास ने इस्राएली बंधकों की रिहाई के लिए युद्ध खत्म करने की शर्त रखी है. साथ ही, इस्राएली सेना के फलस्तीनी इलाकों से बाहर निकलने और हाई-प्रोफाइल चरमपंथियों समेत बड़ी संख्या में फलस्तीनी कैदियों को रिहा किए जाने की भी शर्त रखी है. छह इस्राएली बंधकों की मौत के लिए हमास ने इस्राएल और अमेरिका को दोषी बताया है. हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी इज्जत अल-रिसाक ने कहा कि अगर इस्राएल ने संघर्षविराम के प्रस्ताव को मान लिया होता, तो छहों बंधक जिंदा होते.
नेतन्याहू ने कहा है कि जब तक हमास तबाह नहीं होता, वह युद्ध जारी रखेंगे. बंधकों की रिहाई पर नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गालांत के बीच मतभेद की खबर है. समाचार एजेंसी एपी ने इस्राएल के चैनल 12 के हवाले से बताया कि इसी हफ्ते एक कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गालांत के बीच बहस हुई. गालांत ने पीएम नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वह गाजा और मिस्र के बीच एक सीमा गलियारे पर नियंत्रण को बंधकों की जान से ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं.
खबरों के मुताबिक, अरब इस्राएल विवाद की ताजा स्थितियों के बीच कैबिनेट ने इस कॉरिडोर पर नियंत्रण बनाए रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जबकि गालांत इससे असहमत थे. उनका कहना था कि इस कदम से बंधकों की रिहाई का समझौता प्रभावित हो सकता है. एक इस्राएली अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि करते हुए एपी को बताया कि जुलाई में संघर्षविराम के जिस प्रस्ताव पर बात हुई, उसके तहत पहले चरण में कुछ बंधकों को रिहा किया जाना था. इनमें पोलिन समेत वो तीन बंधक भी थे, जिनकी अब लाश मिली है.
एसएम/आरएस (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)