रूस ने बताया, कब किया जा सकता है परमाणु हमला
२३ मार्च २०२२रूसी सरकार के प्रवक्ता दमित्री पेश्कोव ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में इस बात से इनकार नहीं किया कि उनका देश परमाणु हथियारों का प्रयोग कर सकता है. उन्होंने कहा कि रूस की सुरक्षा नीति में यह बात स्पष्ट है कि परमाणु हथियारों का प्रयोग तभी किया जाएगा जब उसके वजूद को खतरा होगा.
यूक्रेन पर जारी रूसी हमले के लगभग चार हफ्तों के बाद यह टिप्पणी पश्चिमी देशों की उस चिंता को और बढ़ा देती है कि यूक्रेन में जारी युद्ध परमाणु युद्ध में बदल सकता है. पेश्कोव से पूछा गया था कि क्या वह आश्वस्त हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं करेंगे.
‘संभावना नजर आने लगी है'
दमित्री पेश्कोव ने कहा, "घरेलू सुरक्षा के बारे में हमारी एक अवधारण है जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. आप पढ़ सकते हैं कि किन वजहों से परमाणु हथियारों का प्रयोग किया जा सकता है. लिहाजा, यदि हमारे अस्तित्व को खतरा पैदा होता है तो उस अवधारणा के अनुरूप उनका (परमाणु हथियारों का) प्रयोग किया जा सकता है.”
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पिछले महीने व्लादिमीर पुतिन ने देश की परमाणु सेना को तब चौकस कर दिया था जब ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की मदद के बारे में विभिन्न बयान दिए थे. इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी ने खबर दी थी कि 28 फरवरी को रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपनी न्यूकलियर मिसाइल संभालने वाली सैन्य टुकड़ियों और नॉर्दर्न ऐंड पैसिफिक फ्लीट को युद्धक ड्यूटी के लिए तैयार कर दिया था.
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अलग-अलग समय पर विश्व के कई नेता परमाणु युद्ध का डर जाहिर कर चुके हैं. पिछले हफ्ते ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने कहा था, "जो परमाणु युद्ध कभी अविचारणीय लगता था, अब वह संभावना के दायरे में नजर आने लगा है."
रसायनिक हथियारों को लेकर चिंता
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में रूस और अमेरिका व ब्रिटेन के प्रतिनिधियों के बीच रसायनिक हथियारों के प्रयोग को लेकर तूतू-मैंमैं भी हुई. रूस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में आरोप लगाया था कि यूक्रेन के अतिवादी संगठनों ने सुमी शहर में अमोनिया गैस लीक की. अमेरिका और ब्रिटेन ने इसे गलत बताया.
यूएन में रूस के उप-राजदूत दमित्री पोलीआंस्की ने कहा, "रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की ऐसी किसी संस्था या भवन पर हमला नहीं किया जहां जहरीले पदार्थ बनाए या रखे जाते हैं. ना ही ऐसी कोई योजना बनाई गई है. यह स्पष्ट है कि पश्चिमी देशों द्वारा उकसाए जा रहे यूक्रेन के राष्ट्रवादी नेता अपने ही लोगों को धमाकने और रूस पर आरोप लगाने के लिए फर्जी हमले करने से परहेज नही करेंगे."
अमोनिया गैस लीक होने से क्या होता है
अमेरिकी दूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने रूस के इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "हमारी चिंता यह है कि यह सब रूस द्वारा रसायनिक हथियारों के प्रयोग के लिए तैयार की जा रही भूमिका है."
इसके जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा कि रूस पहले भी रसायनिक हथियारों का प्रयोग कर चुका है और आगे भी कर सकता है. ब्रिटेन की दूत बारबरा वुडवर्ड ने मीडिया से बातचीत में कहा, "रूस का यूके और अपने यहां आलेक्सई नवाल्नी के खिलाफ जो रिकॉर्ड है, और जो हमने सीरिया में देखा है उसके आधार पर यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल नहीं है कि रूसी खुद ही फर्जी दिखने वाले रसायनिक हमले कर रहे हों."
हालांकि किसी भी पक्ष ने अपने दावों के समर्थन में ठोस सबूत पेश नहीं किए. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका को ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो दिखाता हो कि रूस ने रसायनिक हथियारों का प्रयोग किया है.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफफी)