कछुए के शिकारी जब बन गए रक्षक
फिलीपींस में कछुओं की सुरक्षा के लिए एक कार्यक्रम अपनाया गया है इसके तहत कछुए का मांस और अंडे खाने वाले अब कछुओं को बचाने का काम कर रहे हैं.
शिकारी नहीं अब रक्षक
फिलीपींस में ला यूनियन राज्य के निवासी कछुए को 'पावीकन' कहते हैं. इस तस्वीर में एक मादा कछुआ अंडे देने के बाद समुद्र की ओर जा रही है. अब इन कछुओं की निगरानी के लिए एक विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के प्रमुख कार्लोस तामायो कहते हैं कि लोगों को इसके शिकार से रोकने के लिए उन्हें समझाया जा रहा है.
कुछ इस तरह से बचाए जा रहे कछुए
जॉनी मनलुगा अपने सिर पर एक लकड़ी की डंडी, एक बाल्टी और एक टॉर्च के साथ कछुए के घोंसले की तलाश कर रहे हैं. 55 साल के इस शख्स को कछुए का घोंसला आसानी से मिल जाता है क्योंकि उन्होंने बचपन में ही अपने दादा से यह चीजें सीखी थीं. मनलुगा का परिवार कछुए के अंडे खाता या बेचता था. अब मनलुगा अपने कौशल का इस्तेमाल इन्हें बचाने के लिए कर रहे हैं.
कछुए अब एक लुप्तप्राय प्रजाति
कछुए अब अपने अंडे, मांस और खाल के लिए संकटग्रस्त हैं, इनके संरक्षण के लिए कुर्मा प्रोजेक्ट के तहत कछुओं का शिकार करने वालों को अब कछुओं के संरक्षण में लगाया जा रहा है.
अंडे चुराने का पछतावा
पूर्व कछुआ शिकारी अंडे इकट्ठा करते हैं और उन्हें बाल्टियों में रखते हैं साथ ही कछुए के घोंसले के लिए कुछ रेत भी वहां रखते हैं. मनलुगा ने रॉयटर्स को बताया, "हम पहले नहीं जानते थे कि कछुओं को पकड़ना और उनका मांस और अंडे खाना अवैध है."
हैचरी में अंडे
साल 2009 में शुरू किए गए संरक्षण प्रयास ने समुद्री कछुए के शिकारियों को सहयोगियों में बदल दिया है. हजारों कछुओं को बचाने और उनके अंडों को बाजारों और प्लेटों में जाने से बचाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहन और प्रशिक्षण की पेशकश की गई है.
हर साल बचाए जा रहे कछुए
तामायो का कहना है कि पिछले मौसम में उन्होंने लगभग 9,000 कछुए के बच्चों को समुद्र में छोड़ा था. जब भी वह बच्चों को समुद्र में छोड़ने के लिए ले जाते हैं लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है.
पर्यटक के बीच भी रूचि
इस कार्यक्रम ने पर्यटकों का भी ध्यान आकर्षित किया है. कई मौकों पर पर्यटक यहां पर आकर कछुए के बच्चों को समुद्र में छोड़े जाने को देखते हैं.