'इंडिया आउट' का नारा देने वाले राष्ट्रपति मुईजू की बड़ी जीत
२२ अप्रैल २०२४रविवार को 93 सदस्यों वाली मालदीव की संसद मजलिस के लिए वोट डाले गए. चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंशिक परिणामों के अनुसार राष्ट्रपति मुईजू की पीपल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) को 71 सीटों पर जीत मिल सकती है. उन्हें संसद में दो तिहाई बहुमत के साथ चार सहयोगी सदस्यों का समर्थन भी प्राप्त है. वहीं मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) को सिर्फ 12 सीटों से संतोष करना होगा. इस चुनाव में उसे 53 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है.
मालदीव को दक्षिण एशिया में सबसे महंगे पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां साफ-सुथरे और चमकदार पानी वाले तट और आलीशान रिजॉर्ट हैं. लेकिन हाल के सालों में भू-राजनीतिक नजरिए से भी यह छोटा सा देश बहुत अहम हो गया है. पूर्व से पश्चिम की तरफ जाने वाले मालवाहक जहाज मालदीव के 1,192 कोरल द्वीपों के पास से होकर गुजरते हैं, जो करीब 800 किलोमीटर के दायरे में फैले हैं.
मालदीव के संसदीय चुनाव पर एशिया के दो बड़े देशों भारत और चीन की नजरें टिकी थीं, क्योंकि दोनों ही वहां अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं. मुईजू ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की. माना जाता है कि मुईजू चीन समर्थक पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन के इशारे पर काम करते हैं. पिछले हफ्ते ही एक अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में यामीन को मिली 11 साल की सजा को दरकिनार करते हुए उन्हें रिहा किया है.
इस महीने जब संसदीय चुनावों के लिए प्रचार जोरों पर था, तब मुईजू ने चीन की सरकारी कंपनियों को कई बड़े निर्माण प्रोजेक्ट दिए. उनकी सरकार भारत के उन 89 सैनिकों को भी उनके देश भेजने की तैयारी कर रही है, जो भारत की तरफ से मालदीव को दिए गए एक निगरानी विमान को संचालित करते हैं. यह विमान मालदीव की व्यापक समुद्री सीमाओं की निगरानी के लिए भारत ने तोहफे में दिया था.
भारत विरोध की राजनीति
मालदीव की राजनीति भारत-समर्थक और भारत-विरोध पर टिकी है. जहां राष्ट्रपति मुईजू 'इंडिया आउट' का नारा देकर सत्ता में आए. वहीं मुख्य विपक्षी एमडीपी को भारत समर्थक माना जाता है. मुईजू के एक करीबी ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "वह (मुईजू) इस वादे के साथ सत्ता में आए थे कि वह भारतीय सैनिकों को वापस उनके देश भेज देंगे और वह इसी पर काम कर रहे हैं."
जानकार कहते हैं कि चुनाव से पहले पूर्व राष्ट्रपति यामीन की रिहाई से भी मुईजू की पार्टी को फायदा हुआ. माले की एक अदालत ने उनके खिलाफ रिश्वत और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. यामीन को 2018 में चुनाव हारने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाना पड़ा था.
यामीन ने भी सत्ता में रहते हुए चीन के साथ नजदीकी रिश्ते कायम किए थे. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी करार दिए जाने के कारण वह पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सके. फिर उन्होंने अपनी जगह मुईजू को चुनाव लड़ाया. वह भारत विरोधी अपने रुख पर अड़े रहे. इससे मुईजू को चुनाव में फायदा हुआ.
एके/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)