ईडी ने दर्ज किए हैं कई सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले
ईडी ने धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जिन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं उनमें बड़ी संख्या में सांसद और विधायक हैं. सरकार पर ईडी के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप भी लगता है.
51 सांसदों के खिलाफ मामले दर्ज
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट दी है जिसमें बताया गया है कि 51 सांसदों के खिलाफ एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत आरोप दर्ज किए हुए हैं. इनमें मौजूदा और पूर्व सांसद दोनों शामिल हैं. कितने मौजूदा हैं और कितने पूर्व यह नहीं बताया गया है.
71 विधायक भी शामिल
ईडी की इस रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ सांसदों पर ही धन शोधन के आरोप नहीं लगे हैं. इस सूची में 71 विधायक भी शामिल हैं. इनमें भी कितने मौजूदा विधायक हैं और कितने पूर्व इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
सीबीआई के पास भी इतने ही मामले
सीबीआई ने भी ऐसी ही एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें उसने बताया है कि कई मौजूदा और पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ कुल 121 मामले दर्ज हैं. इनमें से 37 मामलों में सीबीआई की जांच लंबित है.
14 मौजूदा सांसदों के खिलाफ आरोप
सीबीआई के मुताबिक इन मामलों में कुल 51 सांसदों के खिलाफ आरोप हैं, जिनमें से 14 मौजूदा सांसद हैं और 37 पूर्व सांसद. पांच सांसदों की मौत हो चुकी है.
34 विधायक कर रहे सामना
इसी तरह सीबीआई के मामलों में कुल 112 विधायकों के खिलाफ आरोप हैं. इनमें से 34 मौजूदा विधायक हैं, 78 पूर्व विधायक हैं और नौ विधायकों की मौत हो चुकी है.
दागी सांसद
चुनावी सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर की जून 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सभा के 71 मौजूदा सदस्यों (31 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 20 सदस्य बीजेपी से हैं, 12 कांग्रेस से, पांच आरजेडी से, चार सीपीएम से, 3 तृणमूल कांग्रेस से और तीन 'आप' से हैं. इनमें हत्या और हत्या की कोशिश से लेकर बलात्कार तक के मामले शामिल हैं.
नहीं लड़ सकते चुनाव
जन प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक अगर कोई सांसद या विधायक किसी मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे छह सालों तक चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में इस प्रावधान को चुनौती दी गई है.