अमेरिका के चुनाव में पर्यावरण की चिंता नहीं दिखी
४ नवम्बर २०२२अमेरिका में बीते कई हफ्तों से चुनाव की गहमागहमी जोरों पर है. दिग्गज नेता इन चुनावों को अपनी नाक का मसला बना कर अभियान चला रहे हैं. कुछ लोग इनके जरिये वापसी तो कुछ अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश में हैं. इन सबके बीच चुनाव में जिन मुद्दों की चर्चा हो रही है वो दिलचस्प हैं.
गर्भपात अमेरिका के चुनाव के लिए ऐसा मुद्दा है जो बार बार उभरता रहता है. इस बार वो ज्यादा अहम हो कर उभरा है क्योंकि जून में रुढ़िवादी जजों के बहुमत वाले सुप्रीम कोर्ट ने 1972 के उस फैसले को पलट दिया जिसमें गर्भपात को संवैधानिक अधिकार माना गया था.
गर्भपात का अधिकार
देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में फैसला करने का अधिकार राज्यों को दे दिया. इसके बाद से कई कंजर्वेटिव पार्टी के शासन वाले राज्यों ने या तो इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी है या फिर इसकी प्रक्रिया को ढेर सारी पाबंदियों में जकड़ दिया है. गर्भपात का मुद्दा इस साल कम से कम छह राज्यों के चुनाव में प्रमुख है.
अगस्त में कंजर्वेटिव पार्टी के असर वाले कंसास में हुए एक जनमत संग्रह में चौंकाऊ नतीजे सामने आये. लोगों ने गर्भपात के अधिकार का समर्थन किया. कैलिफोर्निया, मिशिगन ओर वरमोंट में चुनाव से यह पता चलेगा कि राज्य के संविधान में गर्भपात का अधिकार दर्ज होगा या नहीं.
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केंटुकी के वोटरों से इसका उल्टा करने को कहा जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि वो साफ कर दें कि राज्य का संविधान गर्भपात के अधिकार की गारंटी नहीं देता.
गुलामी या अनैच्छिक सेवा
पांच राज्यों के चुनाव में इस बार ज्यादा अनोखा सवाल गुलामी या फिर अनैच्छिक सेवा पर रोक लगाने का है. गुलामी की प्रथा को खत्म किये 150 साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अब राज्यों को तय करना है कि 13वें संशोधन के अपवाद को जारी रखा जाये या नहीं.
यह अपवाद कैदियों से जबरन मजदूरी कराने की अनुमति देता है. अलाबामा, लुइसियाना, ओरगॉन, टेनेसी और वरमोंट में इस बात पर जनता फैसला सुनायेगी कि अपराध की सजा या फिर कर्ज और जुर्माना भरने के लिए गुलामी या अनैच्छिक सेवा को मंजूरी दी जाये या नहीं. 3 राज्यों ने 2018 में इस पर रोक लगा दी और करीब 20 राज्यों में यह अब भी जारी है. जेल सुधार कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि आखिरकार इस पूरे देश में प्रतिबंध लगेगा.
मनोरंजन के लिए मारिजुआना
50 में से 19 राज्यों और अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन ने मनोरंजन के लिए वयस्कों को मारिजुआना का इस्तेमाल करने की छूट दे दी है, इसके साथ ही इसे अपराधीकरण से मुक्त करने के लिए अभियान मजबूत हो रहा है. मध्यावधि चुनाव में पांच और राज्य इस बारे में फैसला करेंगे. आरकंसास, मैरीलैंड, मिसौरी, नॉर्थ और साउथ डकोटा के चुनाव में इस पर वोटिंग होगी और इनमें चार कंजर्वेटिव पार्टी के प्रभाव वाले हैं. इससे यह समझा जा सकता है कि किस तरह से मारिजुआना को दोनों पार्टियों में स्वीकृति मिलती जा रही है. कोलोराडो में तो इस बार के चुनाव से "मैजिक मशरूम" को रखने और इस्तेमाल का रास्ता भी साफ हो जायेगा. ये मशरूम नशे के लिए इस्तेमाल होते हैं.
चुनाव प्रक्रिया
अमेरिका के चुनाव में हिस्सा लेने और प्रक्रिया से जुड़े कई सवाल भी कई राज्यों में चुनाव के मुद्दे हैं. इनमें सबसे विवादित मुद्दों में शामिल है एरिजोना का यह कदम जिसमें रिपब्लिकन सांसद धोखाधड़ी रोकने के लिए वोटरों को फोटो आईडी दिखाना जरूरी करना चाहते हैं. इसके साथ ही डाक वोट के लिए भी एक एफिडेविट जमा करने की मांग की गई है. नेब्रास्का में भी वोटर की पहचान के नियम को सख्त किये जा रहे हैं.
मिशिगन और कनेक्टिकट पहले मतदान तो नेवाडा अपने प्राथमिक तंत्र को बदल कर रैंक आधारित वोटिंग को लाने की फिराक में है. टेनेसी में मतदाता उस संशोधन को हटाने का फैसला करेंगे जिसके तहत धार्मिक नेताओं को राज्यों की असेंबली में सेवा देने से रोक लगाई गई है. हालांकि यह प्रतिबंध कभी भी किसी पर लागू नहीं किया गया. आरकंसास और एरिजोना के मतदाता जनमतसंग्रह को सीमित करने पर भी अपनी राय देंगे.
खेल पर सट्टेबाजी
कैलिफोर्निया खेल में सट्टेबाजी को लेकर दो प्रस्तावों पर लोगों की राय जानना चाहता है. इसमें से एक है अमेरिकी लोगों के कसीनो और घोड़े के रेसकोर्स में खेल पर सट्टेबाजी और दूसरा है ऑनलाइन सट्टेबाजी. इसमें भारी पैसा दांव पर है और इसलिए अलग अलग प्रतिद्वंद्वी गुटों ने इस पर प्रचार अभियान पर देश भर में 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च की है.
आयोवा और ओरेगॉन ने बंदूक के विवादित मुद्दे पर भी लोगों से सवाल पूछ रहे हैं हालांकि नाटकीय रूप से अलग अंदाज में. आयोवा लोगों से कहा जायेगा कि वो इस बात का फैसला करें कि राज्य के संविधान में हथियार रखने और लेकर चलने का अधिकार मूलभूत अधिकार के रूप में शामिल हो. दूसरी तरफ ओरेगॉन में इस पर फैसला सुनाने को कहा जा रहा है कि बंदूक खरीदने से पहले परमिट 10 राउंड से ज्यादा गोलियों वाली मैगजीन की बिक्री पर रोक लगे.
धरती की कोई चिंता नहीं
एक दो अपवादों को छोड़ दें तो चुनाव के इन मुद्दों के आगे जलवायु परिवर्तन और पर्ययावरण कहीं पीछे छूट गया है. कैलिफोर्निया में एक प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है जिसमें राज्य के अमीर लोगों पर टैक्स बढ़ाने की बात है जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दिया जायेगा.
अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करने वाले देशों में है. आग से लेकर तूफान, भारी बारिश और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में इस साल यहां जान माल का काफी नुकसान भी हुआ है. यह देख कर हैरानी है कि मध्यावधि चुनाव के बड़े मुद्दों के पीछ पर्यावरण की चिंता दूर किसी छोटे से कोने में नाम भर के लिए ही है. पूरी दुनिया में जलवायु को लेकर चिंता बढ़ रही है लेकिन यहां इसकी कोई खास चर्चा नहीं सुनाई दे रही है. यह हालत तब है जब जल्दी ही जलवायु सम्मेलन होना है और आये दिन पर्यावरण को लेकर गंभीर चेतावनियां सामने आ रही हैं.
एनआर/ओएसजे (एएफपी)