अंधविश्वास की वजह से बढ़ रहे एचआईवी के मामले
२६ मई २०२३एचआईवी/एड्स एक वायरल संक्रमण है जो प्रतिरक्षा प्रणाली, विशेष रूप से प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर हमला करता है. ये कोशिकाएं ही संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. यह वायरस मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध बनाने या दूषित सुइयों का इस्तेमाल करने से फैलता है.
एक बार संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं, जैसे कि बुखार और थकान, जिन पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता या समझा जाता है कि किसी अन्य बीमारी की वजह से ये लक्षण दिख रहे हैं. शुरुआत में ज्यादातर लोग समझ ही नहीं पाते कि वे एचआईवी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. पश्चिम और मध्य अफ्रीका में एचआईवी के साथ जीने वाले 49 लाख में से लगभग आधे लोग अपनी स्थिति से अनजान हैं. उन्हें पता ही नहीं है कि वे एचआईवी से ग्रसित हैं.
पहली बार किसी महिला का एचआईवी ठीक हुआ
ज्यादातर अफ्रीकी देशों में यह संक्रमण युवा महिलाओं और किशोर लड़कियों को असमान रूप से प्रभावित करता है. यहां युवा पुरुषों की तुलना में युवा महिलाओं में एचआईवी होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है.
अगर सही समय पर इलाज नहीं होता है, तो यह एचआईवी एड्स का रूप धारण कर लेता है. यह ऐसी स्थिति होती है जहां प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है. इससे किसी इंसान की बीमारियों के प्रति लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. इस वजह से उनके कैंसर के चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है.
एचआईवी आज एक वैश्विक समस्या बन चुकी है. हालांकि, एचआईवी संक्रमित लगभग दो तिहाई लोग उप-सहारा अफ्रीका में रहते हैं. इस क्षेत्र में एचआईवी तेजी से फैलने के कई कारण हैं, जैसे कि स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच, यौन शिक्षा का अभाव और सामाजिक कलंक का डर.
एचआईवी कैसे फैलता है और इसका इलाज कैसे किया जाता है, इसे लेकर कई मनगढ़ंत कहानियां और मिथक भी एक बड़ी समस्या है.
एचआईवी कैसे फैलता है?
एक सामान्य मिथक यह है कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के पास रहने से भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं. जबकि, यह बिल्कुल गलत धारणा है.
वास्तव में एचआईवी खून, वीर्य, योनि के तरल पदार्थ और स्तनपान से फैल सकता है. यह गर्भावस्था और प्रसव के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकता है. एचआईवी विशिष्ट प्रकार के शारीरिक तरल पदार्थ के लेन देन से फैल सकता है, लेकिन लार, आंसू या पसीने से नहीं. सबसे अहम बात यह है कि यह कोविड 19 की तरह हवा से नहीं फैल सकता.
40 साल पहले मिली बीमारी कैसे बनी महामारी
एचआईवी संक्रमण को रोकने में कंडोम काफी मददगार साबित होते हैं. यही वजह है कि कुछ देशों में व्यापक तौर पर मुफ्त में कंडोम उपलब्ध कराए जाते हैं. इसी तरह नशीली दवाएं लेने वाले लोगों को हमेशा स्वच्छ सुई का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे एचआईवी फैलने की संभावना कम हो जाती है. इसे देखते हुए कई देशों में नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने वालों को स्वच्छ सुई उपलब्ध कराया जाता है.
दुर्भाग्य की बात यह है कि कैथोलिक चर्च कंडोम और दूसरे कृत्रिम गर्भनिरोधक का विरोध करते हैं. इस विवादास्पद रवैये का नतीजा यह है कि बहुत से लोग जीवन-रक्षक उपायों के लाभ से वंचित हो रहे हैं.
एचआईवी का उपचार
एक और मिथक यह है कि कुंवारी लड़की के साथ यौन संबंध बनाने से एचआईवी ठीक हो जाता है. यह अंधविश्वास घाना में युवा महिलाओं के बीच एचआईवी के मामलों में हाल में हुई वृद्धि के पीछे की बड़ी वजह है. उदाहरण के लिए, वृद्ध पुरुषों ने एचआईवी से ठीक होने के लिए उनके साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने की मांग की.
सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम युवा महिलाओं की सुरक्षा और मिथकों से निपटने में मदद करने के लिए जागरूकता बढ़ा कर रहे हैं. इस बीच, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी एचआईवी के असर को कम करने वाली दवा को विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं. वैज्ञानिक सस्ती एंटीवायरल दवाओं का भी परीक्षण कर रहे हैं, ताकि उन्हें काफी ज्यादा एचआईवी प्रसार वाले क्षेत्रों में बांटा जा सके.
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि अगर इस बीमारी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर अधिक धन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो एड्स एक नई महामारी का रूप धारण कर सकता है.