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मोदी ने की पुतिन से बात, हिंसा रोकने को कहा

२५ फ़रवरी २०२२

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की है. रूस के हमले में पहले दिन यूक्रेन में 137 लोगों की जान गई.

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तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि पुतिन ने मोदी को ताजा हालात की जानकारी दी. मोदी ने पुतिन से बातचीत के जरिए मसले हल करने को कहा.

बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने पुरानी अवधारणा को दोहराया कि नाटो और रूस के बीच मतभेद ईमानदार और नेकनीयत बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं." मोदी ने पुतिन से फौरन हिंसा रोकने का आग्रह किया और सभी पक्षों से बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की.

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की चिंता

भारतीय प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति के सामने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के प्रति चिंता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अपने नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारतीय अधिकारियों के मुताबिक यूक्रेन में कम से कम 15,000 छात्र फंसे हुए हैं.

यूक्रेन के आम लोगों की जिंदगी कुचलते पुतिन

ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे हैं जिनमें भारतीय छात्रों को दूतावास के अधिकारियों से सुरक्षित जगह उपलब्ध करवाने की गुहार लगाते देखा जा सकता है. एक वीडियो में कुछ छात्र कीव रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं और कह रहे हैं कि दूतावास में कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है. एक अन्य वीडियो में दर्जनों लोग दूतावास के बाहर अधिकारियों से बहस कर रहे हैं जबकि अधिकारी उन्हें किसी होटल आदि में जाने को कह रहे हैं.

भारतीय दूतावास ने गुरुवार रात को भारतीयों के लिए तीसरी अडवाइजरी जारी की है, जिसमें उनसे अपने घरों में रहने को कहा गया है. भारतीय दूतावास ने कहा है, "जो लोग कहीं फंसे हैं और उनके पास रहने का स्थान नहीं है, मिशन उन्हें जगह उपलब्ध करवाने के लिए सरकार के संपर्क में है. हम जानते हैं कि कुछ जगहों पर चेतावनी या बम हमले के सायरन सुने जा रहे हैं. अगर आप ऐसी किसी स्थिति में हैं तो गूगल मैप पर दिखाए गए बम शेल्टरों में शरण लें, जो भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में बनाए गए हैं."

भारतीय अधिकारियों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय से भी मदद का आग्रह किया है. दूतावास द्वारा ट्विटर पर साझा एक पत्र में यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय से कहा गया है, "अगर फंसे हुए 15,000 छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, तो भारतीय दूतावास आभारी रहेगा. साथ ही, इन लोगों के लिए खाने-पीने आदि की व्यवस्था भी की जरूरत है."

भारत के विदेश मंत्री ने यूक्रेन के पड़ोसी देश स्लोवाकिया के विदेश मंत्री इवान कोरचोक से आग्रह किया है कि फंसे हुए भारतीयों को निकालने में मदद करें. अन्य पड़ोसी देशों जैसे हंगरी में स्थित भारतीय दूतावास सड़क मार्ग से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के प्रयास कर रहे हैं.

यूक्रेन में पहले दिन तबाही

यूक्रेन में गुरुवार सुबह रूस ने बमबारी शुरू की थी. वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि पहले दिन हमलों में सैनिकों और आम नागरिकों को मिलाकर 137 लोगों की जान गई है. उन्होंने कहा कि वह खुद "दुश्मनों का पहला निशाना हैं."

यूक्रेन के मीडिया को वीडियो के जरिए दिए संदेश में जेलेंस्की ने कहा कि उनका परिवार भी निशाने पर है. उन्होंने बताया कि वह सरकारी क्वॉर्टर में रह रहे हैं और उनका परिवार भी कीव में ही है.

रूस पर लगे प्रतिबंध क्या पुतिन को रोक सकेंगे

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कम से कम एक लाख लोग राजधानी कीव छोड़कर जा चुके हैं, जबकि बड़ी संख्या में और लोग भी पलायन की कोशिश कर रहे हैं. ऐसी खबरें हैं कि रूस ने चेरनोबिल परिसर को अपने कब्जे में ले लिया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि हमले के अलावा अपने देश की रक्षा के लिए उनके पास कोई और रास्ता नहीं था. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी है कि यह कदम रूस को महंगा पड़ेगा.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

 

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