एवरेस्ट के इलाके में अब नहीं उड़ेंगे हेलीकॉप्टर
नेपाल की एयरलाइनों ने एवरेस्ट के इलाकों में उड़ान भरना रोक दिया है. स्थानीय लोग इन हेलीकॉप्टरों की वजह से पर्यावरण को हो रहे नुकसान से काफी नाराज थे.
हेलीकॉप्टर सेवा बंद
एवरेस्ट के इलाके में सैलानियों और पर्वतारोहियों को ले जाने वाली हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद करने का फैसला किया गया है. एयरलाइन एसोसिएशन ने सुरक्षा कारणों का हवाला दे कर सारे हेलीकॉप्टरों की उड़ान बंद कर दी है.
पर्यावरण को नुकसान
स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि हेलीकॉप्टरों की वजह से इलाके में पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही उनकी कमाई पर भी असर हो रहा है. सागरमाथा नेशनल पार्क ने लोगों को इलाके की सैर कराने में हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल बंद करने की घोषणा पहले ही की थी.
पर्वतारोहियों के लिए हेलीकॉप्टर
एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले बहुत से लोग सागरमाथा नेशनल पार्क की दुर्गम चढ़ाइयों तक पहुंचने के लिए इनका इस्तेमाल कर रहे थे. सर्दियों में यहां हर दिन 15 हेलीकॉप्टर उतरते हैं. गर्मी में जब यहां सैलानियों का मौसम उफान पर होता है तो यह संख्या हर दिन 60 तक पहुंच जाती है.
दो हफ्ते की चढ़ाई एक दिन में
एक हजार डॉलर की रकम दे कर कोई भी एवरेस्ट के बेस कैंप तक इन हेलीकॉप्टरों से पहुंच सकता है. पैदल वहां जाने में दो दिन चलना पड़ता है लेकिन हेलीकॉप्टर एक ही दिन में पहुंचा देते हैं.
पर्यावरण को नुकसान
स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि हेलीकॉप्टरों की वजह से इलाके में पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही उनकी कमाई पर भी असर हो रहा है. सागरमाथा नेशनल पार्क ने लोगों को इलाके की सैर कराने में हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल बंद करने की घोषणा पहले ही की थी.
स्थानीय लोगों का नुकसान
हेलीकॉप्टर की वजह से स्थानीय शेरपाओं और दुकानदारों की कमाई पर काफी असर हो रहा था. बहुत से लोग इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल एवरेस्ट की चढ़ाई में कर रहे थे. इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन सैलानियों और पर्वतारोहियों को सेवाएं मुहैया कराने से चलता है.
युवाओं का आंदोलन
इलाके के युवाओं ने हेलीकॉप्टर सेवा का विरोध करना शुरू किया. युवाओं ने जगह जगह बैनर लगा दिए गए थे और हेलीकॉप्टर कंपनियों और पायलटों को वहां हेलीकॉप्टर उतारने के खिलाफ धमकी दी थी.
नेपाल में हेलीकॉप्टर
दुर्गम जगहों तक पहुंचने और आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नेपाल में धड़ल्ले से होता है. बीते सालों में सैलानियों ने इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करना शुरू कर दिया.
सैलानियों की सवारी
बीते सालों में हेलीकॉप्टर सैलानियों के लिए यहां पहुंचने का सबसे आसान जरिया बन गया था. हर साल करीब 50,000 सैलानी यहां आते हैं उनमें से ज्यादातर विमान और हेलीकॉप्टर के सहारे ही यहां पहुंचते हैं.
एवरेस्ट की चढ़ाई
एवरेस्ट की चढ़ाई करने और इलाके की सैर के लिए हर साल नेपाल में दुनिया भर से लाखों लोग आते हैं. इनकी बढ़ती संख्या की वजह से बीते सालों में कई और समस्याएं पैदा हुई हैं. इनमें एक प्रमुख समस्या है सैलानियों और पर्वतारोहियों का फेंका कचरा.