अंटार्कटिका में नए अभियान से मिलेगा जलवायु परिवर्तन का हाल
कोलंबिया का रिसर्च जहाज एआरसी सिमोन बोलिवार अंटार्कटिका के अभियान पर निकल चुका है. इस पर 39 शोधकर्ताओं की एक टीम सवार है जो तीन महीनों तक अंटार्कटिका के ताजा हाल पर नई जानकारी निकालने की कोशिश करेगी.
नई खोजों की ओर
एआरसी सिमोन बोलिवार पामर द्वीप समूह और अंटार्कटिक प्रायद्वीप को अलग करने वाले गेर्लाश स्ट्रेट के रास्ते अपने अभियान पर निकल चुका है. इस पर अलग-अलग देशों के 39 शोधकर्ता सवार हैं जो अंटार्कटिक महासागर के हालात और उसकी जैवविविधता की पड़ताल करेंगे. गर्मियों में अंटार्कटिका में तापमान शून्य से माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है.
बर्फ और बेस स्टेशन
यह इस जहाज का अंटार्कटिका में 10वां अभियान है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अंटार्कटिका के समुद्री जीव-जंतुओं और पानी का अध्ययन कर उन्हें जलवायु परिवर्तन के परिणामों के बारे में नई जानकारी मिलेगी.
सिकुड़ते आइसबर्ग
इक्वाडोर के केंद्रीय विश्विद्यालय में काम करने वाले शोधकर्ता पाब्लो अराउजो कहते हैं, "अंटार्कटिका दुनिया का रेफ्रीजिरेटर है. हम देखना चाहते हैं कि दुनिया के रेफ्रीजिरेटर को जलवायु परिवर्तन कैसे प्रभावित कर रहा है और उसका (समुद्र में मौजूद) सारे पोषक तत्वों पर क्या असर पड़ता है. ए23ए अंटार्टिका का सबसे बड़ा आइसबर्ग है लेकिन इसका लगातार विखंडन हो रहा है.
एआई की मदद
जहाज पर वैज्ञानिक एआई का इस्तेमाल कर अंटार्कटिका के इकोसिस्टमों के मॉडल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इन मॉडलों और सैटलाइट से प्राप्त चित्रों की मदद से वैज्ञानिक अंटार्कटिक इकोसिस्टमों में ग्रीनहाउस गैसों के गतिविज्ञान को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
सैंपल इकट्ठा करना
इस तस्वीर में कोलंबियाई शोधकर्ता डिएगो मुहिका एक विशेष बरछी की मदद से एक हंपबैक व्हेल की चमड़ी से सैंपल ले रहे हैं. इन सैंपलों के अध्ययन से व्हेल के आहार, पर्यावरणीय प्रदूषण और बीमारियों के बारे में जानकारी निकाली जाती है.
पानी की गुणवत्ता का परीक्षण
एक कोलंबियाई टीम पानी के सैंपल लेने के लिए महासागर में बोतलें उतार रही है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ मेरीटाइम अफेयर्स के एक शोधकर्ता ऐलेक्सिस ग्रात्ज ने बताया, "एक बार जब वो सतह पर आ जाएंगी तब हम बाद में विश्लेषण करने के लिए उनमें से सैंपल ले लेंगे."
समुद्र का बढ़ता स्तर
कोलंबियाई अभियान को पिछले महीने देश के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर उन्होंने कहा, "अगर अंटार्कटिका में बर्फ पिघली तो समुद्र का स्तर बढ़ेगा, जिसका असर कोलंबिया समेत कई देशों के कई तटीय शहरों पर असर पड़ेगा. इसका मतलब है कि हम अगर यह जलवायु संकट रोक नहीं सके तो हमें पीछे हटना पड़ेगा." (क्लाउडिया डेन)