शोधकर्ताओं ने पकड़ा नया चीनी हैकिंग टूल
१ मार्च २०२२एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस खोज को हाल ही में अमेरिकी सरकार के साथ साझा किया गया. अमेरिका ने विदेशी साझेदारों के साथ यह जानकारी साझा की है. सिमैंटेक चिप निर्माता ब्रॉडकॉम का एक विभाग है, जिसने सोमवर को इस टूल के बारे में अपना शोध प्रकाशित किया. इस टूल का नाम डक्सिन बताया जा रहा है.
अमेरिकी साइबर सुरक्षा अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी (सीआईएसए) के एसोसिएट निदेशक क्लेटॉन रोमांस के मुताबिक, "यह कुछ ऐसा है जिसे हमने पहले नहीं देखा है. यह ठीक उसी प्रकार की जानकारी है जिसे हम हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं."
वॉशिंगटन में चीनी दूतावास ने इस खुलासे से जुड़े सवालों पर टिप्पणी नहीं की है. चीनी अधिकारी पहले से ही कहते आए हैं कि चीन भी हैकिंग का शिकार और हर तरह के साइबर हमले का विरोध करता है.
साइबर थ्रेट के मुख्य विश्लेषक अधिकारी नील जेनकिंस के मुताबिक, "इस मैलवेयर की क्षमताएं उल्लेखनीय हैं और इस सार्वजनिक शोध के बिना पता लगाना बेहद मुश्किल है."
साइबर थ्रेट एक गैर-लाभकारी समूह है जो साइबर सुरक्षा को लेकर विशेषज्ञों के साथ डेटा साझा करता है.
सिमैंटेक में तकनीकी निदेशक विक्रम ठाकुर का कहना है कि चीन पर आरोप उन उदाहरणों पर आधारित है जहां डक्सिन के घटकों को अन्य ज्ञात, चीनी कंप्यूटर हैकर इन्फ्रास्ट्रक्चर या साइबर हमले के साथ जोड़ा गया.
सिमैंटेक के शोधकर्ताओं ने कहा कि कंप्यूटर में घुसपैठ के पैमाने और उपकरण की उन्नत प्रकृति के कारण सिमैंटेक की खोज उल्लेखनीय है.
शोध रिपोर्ट में कहा गया है, "नवंबर 2021 में डक्सिन से जुड़े सबसे हालिया ज्ञात हमले हुए. डक्सिन की क्षमताएं सुझाव देती हैं कि हमलावरों ने संचार तकनीकों को विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रयास किए जो सामान्य नेटवर्क ट्रैफिक के साथ बिना पकड़ में आए मिल सकता है." क्या है स्विफ्ट, जिसका यूक्रेन विवाद के बीच जिक्र हो रहा है
डक्सिन के पीड़ितों में एशिया और अफ्रीका में उच्च-स्तरीय, न्याय मंत्रालय समेत गैर सरकारी एजेंसियां शामिल थीं. ठाकुर कहते हैं, "कंप्यूटर के वास्तव में एक बार संक्रमित होने के बाद डक्सिन को दुनिया में कहीं से भी नियंत्रित किया जा सकता है."
एए/सीके (रॉयटर्स)
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