1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
राजनीतिन्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड को मिला नया प्रधानमंत्री, कई चुनौतियां सामने

२५ जनवरी २०२३

जेसिंडा आर्डर्न के शिक्षा मंत्री रहे क्रिस हिपकिन्स ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. नौ महीनों में चुनाव होने हैं और 44 वर्षीय हिपकिन्स के सामने पार्टी की गिरती लोकप्रियता को बढ़ाने की चुनौती है.

https://p.dw.com/p/4MfBs
न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री
न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिन्सतस्वीर: Marty Melville/AFP/Getty Images

हिपकिन्स आर्डर्न सरकार में शिक्षा और पुलिस मंत्री ही नहीं थे बल्कि कोविड महामारी के दौरान उन्होंने एक तरह के संकट प्रबंधक की भूमिका अपना ली थी. उस भूमिका में उन्हें काफी शोहरत हासिल हुई, लेकिन वो और दूसरे लिबरल नेता लंबे समय से आर्डर्न की छाया में रहे हैं.

आर्डर्न अपने में वामपंथ की एक वैश्विक आइकॉन जैसी बन गई थीं और उन्होंने नेतृत्व के एक नए अंदाज का उदाहरण पेश किया था. मंगलवार 24 जनवरी को वो आखिरी बार बतौर प्रधानमंत्री आधिकारिक भूमिका में नजर आईं. उन्होंने कहा कि वो सबसे ज्यादा देश के लोगों को मिस करेंगी क्योंकि लोग ही "उनकी नौकरी की असली खुशी" थे.

संसद में रहेंगी आर्डर्न

बुधवार सुबह संसद परिसर से निकलते समय दर्जनों पूर्व कर्मचारियों और उनके प्रशंसकों ने उन्हें गले लगा कर विदाई दी. उनकी योजना अप्रैल तक संसद में एक कम सक्रिय सदस्य के रूप में रहने की है. इसके पीछे उनका उद्देश्य अक्टूबर में होने वाले आम चुनावों से पहले किसी विशेष चुनाव होने की संभावना को पैदा होने से बचाना भी है.

जेसिंडा आर्डर्न
संसद से निकलते समय नई उप प्रधानमंत्री कार्मेल सेपुलोनी को गले लगातीं जेसिंडा आर्डर्नतस्वीर: Hagen Hopkins/Getty Images

हिपकिन्स ने अपने कार्यकाल के लिए फिर से मूल तत्वों की तरफ लौटने के रास्ते पर चलने का वादा किया है. उनका ध्यान अर्थव्यवस्था और महंगाई पर केंद्रित रहेगा. उन्होंने महंगाई को एक "महामारी" बताया है.

आम चुनावों की तैयारी करने के लिए उनके पास नौ महीनों से भी कम का समय है. ओपिनियन पोल दिखा रहे हैं कि उनकी लेबर पार्टी विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी से पीछे है. हिपकिन्स के साथ साथ कार्मेल सेपुलोनी को उप प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई. वो इस पद पर पहुंचने वाली पैसिफिक आइलैंड मूल की पहली व्यक्ति हैं.

महंगाई है चुनौती

आर्डर्न पहले 2017 में और 2020 में दोबारा प्रधानमंत्री बनी थीं. वो खुद काफी लोकप्रिय रहीं लेकिन उनकी सरकार को पिछले कुछ महीनों से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था. इनमें बढ़ती महंगाई, सस्ते आवास का संकट और करीब आती आर्थिक मंदी शामिल हैं.

G20 के आखिरी दिन दुनियाभर के नेताओं ने किन मुद्दों पर बात की

हिपकिन्स ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि कॉस्ट ऑफ लिविंग उनकी सबसे जरूरी प्राथमिकताओं में से है. उन्होंने दूसरी नीतिगत चुनौतियों की कम बात की.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में वो अपने ही रिश्ते बनाएंगे, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आर्डर्न उनके लिए सिफारिश जरूर करेंगी. निजी स्तर पर हिपकिन्स दो बच्चों के पिता हैं और खुद को एक "आम कीवी" बताते हैं, वो वेतनभोगी वर्ग पृष्ठभूमि से है और जिसे सॉसेज खाना और साइकिल चला कर काम पर जाना पसंद है.

सीके/एए (एपी, एएफपी)