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मीडियाभारत

न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ गिरफ्तार, दफ्तर सील

आमिर अंसारी
४ अक्टूबर २०२३

न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक और पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ को आतंकवाद निरोधी कानून गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है. न्यूजक्लिक के दफ्तर को पुलिस ने सील कर दिया है.

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न्यूजक्लिक के संस्थापक और पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ
न्यूजक्लिक के संस्थापक और पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ तस्वीर: Raj K Raj/Hindustan Times/IMAGO

मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक के कई पत्रकारों और उसके कंट्रीब्यूटर के ठिकानों पर छापेमारी की थी. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के साथ ह्यूमन रिसोर्स विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया.

मंगलवार को न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों के दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 50 ठिकानों की तलाशी ली गई थी और उनके डिजिटल डिवाइस जब्त कर लिए गए थे. पुलिस ने कहा है कि कुल 46 "संदिग्धों" से पूछताछ की गई है. इसके बाद बुधवार को दोनों को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

पत्रकारों पर छापेमारी और पूछताछ

दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के दफ्तर की तलाशी के बाद उसे सील कर दिया है. एनडीटीवी ने दिल्ली पुलिस के सूत्र के हवाले से बताया, "कुल 37 पुरुष संदिग्धों से पूछताछ की गई है, 9 महिला संदिग्धों से उन्हीं के घर, परिसर में पूछताछ की गई है और डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों आदि को जांच के लिए जब्त किया गया है."

मंगलवार सुबह पोर्टल के संस्थापक को पहले आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मामले के संबंध में पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष सेल कार्यालय में लाया गया था. पोर्टल पर आरोप है कि उसे चीन समर्थक प्रचार के लिए धन प्राप्त हुआ था.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पत्रकारों से अलग-अलग मुद्दों पर सवाल किए गए. जिसमें विदेश यात्रा का विवरण, सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और किसान आंदोलन से जुड़े सवाल शामिल थे.

पुलिस ने दस्तावेज, कंप्यूटर और हार्डडिस्क जब्त किए
पुलिस ने दस्तावेज, कंप्यूटर और हार्डडिस्क जब्त किएतस्वीर: Dinesh Joshi/AP Photo/picture alliance

जिन पत्रकारों से दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की उनमें अभिसार शर्मा भी शामिल थे. पूछताछ के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे हर सवाल का जवाब देंगे और डरने की बात नहीं है. उन्होंने लिखा, "मैं सत्ता में बैठे लोगों से और खासकर उन लोगों से सवाल करता रहूंगा जो साधारण सवालों से डरते हैं. किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे."

विपक्ष ने कहा "2014 से अघोषित आपातकाल"

कांग्रेस ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 से "अघोषित आपातकाल" लगा दिया था जो 2024 के चुनाव में "हार के डर से और भी बदतर" होता जा रहा है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "प्रिंसटन के प्रख्यात इतिहासकार ज्ञान प्रकाश ने 1975-77 की अवधि का एक गहन शोधपूर्ण विवरण लिखा है, जिसे इमरजेंसी क्रॉनिकल्स कहा जाता है. डॉ. प्रकाश जिस प्रतिरोध का विस्तार से वर्णन करते हैं, उसके ऐसे नायकों में से एक हैं प्रबीर पुरकायस्थ, जो बाद में ऊर्जा नीति के विशेषज्ञ बने."

पत्रकारों पर छापेमारी के कुछ घंटों बाद एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र से उचित प्रक्रिया का पालन करने और कठोर आपराधिक कानूनों को "प्रेस को डराने-धमकाने का उपकरण" नहीं बनाने का आग्रह किया.

मंगलवार को ही प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पत्रकारों पर पुलिस की छापेमारी के विरोध में एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में फैसला लिया गया कि देश में प्रेस फ्रीडम के मुद्दे को लेकर कई पत्रकार संगठन अपना विरोध जारी रखेंगे.

इस बीच न्यूजक्लिक के दफ्तर और उससे जुड़े पत्रकारों पर पुलिस की छापेमारी के सवाल पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि उन्हें जस्टिफाई करने की जरूरत नहीं है और अगर किसी ने गलत किया है, आपत्तिजनक कार्य किया है और किसी के पास गलत तरीके से पैसा आया है तो जांच एजेंसी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

क्या है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) न्यूजक्लिक के खिलाफ विदेश से चंदा लेने के कानून के कथित उल्लंघन के आरोपों की जांच पहले से कर रही हैं. रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने वेबसाइट के खिलाफ यूएपीए के तहत नया मामला दर्ज किया है और इन पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई इसी मामले के तहत की गई.

न्यूजक्लिक के खिलाफ फरवरी, 2021 में भी ईडी ने छापे मारे थे. वेबसाइट से जुड़े स्थानों पर मारे गए यह छापे पांच दिनों तक चले थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 में वेबसाइट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. 

इस एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वेबसाइट को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी नाम की अमेरिकी कंपनी से 9.59 करोड़ रुपये एफडीआई मिली थी, जिसके लिए कंपनी के शेयरों के दामों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया गया था ताकि भारतीय मीडिया संस्थानों में 26 प्रतिशत एफडीआई की ऊपर सीमा से बचा जा सके.

अगस्त 2023 में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम ने "चीनी प्रोपेगेंडा" फैलाने के लिए कई संगठनों को पैसे दिए थे और इन संगठनों में न्यूजक्लिक भी शामिल है.