नाइजर में सेना भेजने के लिए तैयार पश्चिम अफ्रीकी देश
११ अगस्त २०२३पश्चिम अफ्रीकी देशों के नेताओं ने नाइजर में सेना भेजने की तैयारी कर ली है. उन्होंने नाइजर में लोकतंत्र बहाली के लिए यह कदम उठाने की बात कही है. इसके बाद से नाइजर के सैन्य जुंटा और पश्चिम अफ्रीकी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है.
पश्चिम अफ्रीकी देशों के संगठन ईकोवास ने नाइजर की स्थिति से निपटने के लिए नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में एक आपात बैठक बुलाई थी. यह मीटिंग ईकोवास की ओर से नाइजर के सैन्य जुंटा को दी गई चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद बुलाई गई थी. नाइजर में तख्तापलट के बाद ईकोवास ने सैन्य जुंटा को राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम की सत्ता में वापसी कराने या सैन्य हस्तक्षेप झेलने की चेतावनी दी थी.
राष्ट्रपति की हत्या की धमकी
पश्चिमी देशों के दो अधिकारियों ने बताया है कि नाइजर के सैन्य जुंटा ने प्रमुख अमेरिकी राजनयिकों को चेतावनी दी है कि अगर पड़ोसी देशों की ओर से किसी भी तरह के सैन्य हस्तक्षेप की कोशिश की गई तो वो राष्ट्रपति बाजौम की हत्या कर देंगे. इस बात की जानकारी एक समाचार एजेंसी की ओर से दी गई.
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हालांकि अभी ईकोवास के देशों ने सेना को तैनात किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. यह भी साफ नहीं है कि 15 देशों का यह समूह कब और कहां से सेना की तैनाती करेगा और कौन से देशों की सेना इसमें भाग लेगी. युद्ध विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी किसी टुकड़ी में करीब 5000 सैनिक होंगे. जिनमें से ज्यादातर नाइजीरिया के होंगे और ऐसी टुकड़ी कुछ ही हफ्तों में तैयार की जा सकती है.
तमाम कोशिशें नकाम हुईं
नाइजर के पड़ोसी देशों माली और बुरकिना फासो में भी सैन्य सरकारें हैं. यहां भी सैन्य शासकों ने तख्तापलट के जरिए सत्ता पाई है. उन्होंने कहा था कि अगर नाइजर में सैन्य दखल होता है, तो इसे उनके देशों पर भी युद्ध की घोषणा माना जाएगा.
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नाइजर के सैन्य नेताओं ने मंगलवार को अपने देश में ईकोवास, संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी यूनियन के नेताओं की एक संयुक्त टीम भेजे जाने के प्रयास को भी मंजूरी नहीं दी थी.
राष्ट्रपति के पास खत्म हो रहा खाना
नाइजर में लोकतांत्रिक रूप से चुने नेता मोहम्मद बाजौम को तख्तापलट के दिन से ही नियामे में राष्ट्रपति भवन में ही कैद रखा गया है. उनके साथ उनके बेटे और पत्नी भी बंद हैं. उनके एक सलाहकार ने बताया कि वो बिना बिजली के वहां रह रहे हैं और उनके पास खाने-पीने का सामान भी खत्म हो रहा है. अब उनके पास केवल चावल और डिब्बाबंद खाना बचा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने बाजौम और उनके परिवार से जुड़ी ऐसी खबरों पर चिंता जताई है.
नाइजर के सैन्य शासन को मान्यता देने से ईयू का इंकार
नाइजर 2.5 करोड़ की जनसंख्या वाला आर्थिक रूप से एक कमजोर देश है. पश्चिम अफ्रीकी देशों की अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से लड़ाई में नाइजर का शामिल होना उनके लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि इन आतंकी संगठनों का इस इलाके पर काफी बुरा प्रभाव है. फ्रांस और अमेरिका ने अन्य यूरोपीय सहयोगी देशों के साथ मिलकर नाइजर में 2500 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखी है.
एडी/एनआर (एपी/रॉयटर्स)