जर्मनी में हमले में दो लोगों की मौत के बाद भी वजह साफ नहीं
२६ जनवरी २०२३जर्मनी के उत्तरी प्रदेश श्लेसविष-होलश्टाइन में ब्रेमेन से हैम्बर्ग जा रही एक लोकल ट्रेन में हमलावर ने बिना किसी उकसावे के अचानक छुरेबाजी शुरू कर दी थी. हमले में 17 और 19 साल के दो युवा मारे गए. आम लोग तो सदमे में हैं ही यहां तक कि अधिकारी भी सकते में हैं. श्लेसविष-होलश्टाइन की गृह मंत्री सबीने ज्युटरलिन वाक ने कहा, "मैं अत्यंत दुखी हूं." घटना के करीब एक दिन बाद हमले के बारे में बहुत कुछ जानकारी मिल गई है लेकिन अभी भी हमलावर के इरादों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
मारे गए दोनों किशोर नॉयम्युंस्टर के एक स्कूल में पढ़ते थे. वहां के छात्र और शिक्षक भी सदमे में हैं. उन्हें सांत्वना और सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए शिक्षा मंत्री कारीन प्रीन उस स्कूल का दौरा कर रही हैं और वहां शिक्षकों और छात्रों के साथ बात करेंगी. जर्मनी के गांव और शहर एक दूसरे के बहुत करीब करीब बसे हैं और बहुत से छात्र पास पड़ोस के शहरों में पढ़ने के लिए जाते हैं.
हमले का आरोपी शातिर अपराधी
जांच अधिकारियों के अनुसार हमले के लिए जिम्मेदार संदिग्ध शातिर अपराधी है और पहले भी कई अपराधों में शामिल रहा है. इत्सेहो शहर के वरिष्ट जांच अधिकारी कार्स्टेन ओलरोग्गे का कहना है कि 33 वर्षीय हमलावर पहले भी तीन मामलों में सजा काट चुका है. लेकिन वह मुख्य रूप से पड़ोस के राज्यों नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया और हैम्बर्ग में सक्रिय रहा है, श्लेसविष-होलश्टाइन में उसके खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं था.
अधिकारियों के अनुसार संदिग्ध हमलावर हैम्बर्ग में छुरेबाजी के एक अन्य मामले में एक साल चली जांच के दौरान न्यायिक हिरासत में रहा है. उस मामले में उसे घातक हमले और चोरी के आरोपों में 1 साल एक हफ्ते की सजा मिली है. इस सजा के खिलाफ उसने अपील कर रखी है.
इरादों का अभी पता नहीं
हमले में पांच लोग घायल हुए थे, जिनमें दो को इलाज के बाद छोड़ दिया गया है, जबकि तीन का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है. हमले के दौरान हुई भगदड़ में हमलावर भी घायल हो गया था. उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया गया. प्रदेश की गृह मंत्री ने कहा है कि बहुत तेज घटनाक्रम के कारण घटना के बारे में अभी तक सारी जानकारी नहीं मिली है. आरोपी से पूछताछ के नतीजे अभी तक तैयार नहीं हैं, इसलिए न तो घटना की पृष्ठभूमि स्पष्ट है न ही हमलावर के इरादे का पता है. ओलरोग्गे के अनुसार आतंकवादीकार्रवाई के संकेत नहीं हैं.
अधिकारियों के अनुसार हमलावर एक नागरिकता विहीन फलस्तीनी है. गृह मंत्री के अनुसार वह पहली बार 2014 में जर्मनी आया. उसे 2017 में सबसिडियरी सुरक्षा दी गई. यह उस व्यक्ति को दी जाती है जिसे न तो शरणार्थी सुरक्षा मिलती है और जो न ही शरण पाने का हकदार होता है, लेकिन जिसे अपने देश में गंभीर खतरा होता है. 2021 में उसकी यह सुरक्षा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन उस मामले में अधिकारियों ने क्या फैसला लिया इसका पता नहीं है.
अधिकारियों में सहयोग की कमी
घटनाक्रम की गुत्थी सुलझाने में लगे अधिकारियों का कहना है कि आरोपी घटना से कुछ पहले स्टे परमिट लेने कील शहर में विदेशी मामलों के दफ्तर गया था, लेकिन उसे निवासियों के रजिस्ट्रेशन दफ्तर में जाने को कहा गया. स्थानीय पार्षद के अनुसार वह वहां नहीं पहुंचा. कील में अधिकारियों को आरोपी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
2014 में जर्मनी आने के बाद उसने नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया प्रांत में 2015 में शरण का आवेदन दिया था लेकिन उसकी अर्जी 2016 में ठुकरा दी गई थी. लेकिन उसे वापस भेजने के बदले सबसिडियरी सुरक्षा के तहत जर्मनी में ही रहने का अधिकार दिया गया था. 2021 में वह श्लेसविष-होलश्टाइन की राजधानी कील चला गया और वहां उसे रिफ्यूजियों के होम में ठहराया गया. कुछ समय बाद उस होम में उसके आने पर रोक लगा दी गई और उसे लापता दिखाया गया.
इस बीच में वह हैम्बर्ग में छुरेबाजी के मामले में जेल में रहा. पिछले हफ्ते गुरुवार को उसे जेल से रिहा किया गया था लेकिन जेल से रिहाई के बारे में कील के अधिकारियों को कोई सूचना नहीं थी. चूकि छुरेबाजी का मुकदमा हैम्बर्ग में था, श्लेसविष-होलश्टाइन में आरोपी का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था.
रिपोर्ट: महेश झा (डीपीए, एएफपी)