उत्तर कोरिया की जासूसी सैटेलाइट दूसरी बार फेल
२४ अगस्त २०२३उत्तर कोरिया के जासूसी सैटेलाइट को कक्षा में प्रक्षेपित करने का दूसरा प्रयास गुरुवार को विफल हो गया. इसे नेशनल एयरोस्पेस डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन (NADA) ने भेजा था. इसका मकसद सैटेलाइट मल्लीगयोंग-1 को अंतरिक्ष में तैनात करना था. मई 2023 में भी एक जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की कोशिश नाकाम रही. प्रक्षेपण के दौरान सैटेलाइट समुद्र में गिर गई.
उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन, इलाके में अमेरिकी फौज की बढ़ती क्षेत्रीय गतिविधियों को संतुलित करना चाहते हैं. इसके लिए वह मिलिट्री सैटेलाइट को विकसित करने पर जोर दे रहे हैं.
NADA ने असफल प्रक्षेपण के पीछे तीसरे चरण की उड़ान के दौरान आपातकालीन ब्लास्टिंग प्रणाली में खामी को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, NADA ने इसे बड़ा मुद्दा नहीं बताया और फिर एक और लॉन्च की कोशिश की बात कही है.
नाराज हैं ये देश
रॉकेट का प्रक्षेप पथ पीले सागर के ऊपर से गुजर रहा था. मलबे की रिकवरी का अभियान शुरू कर दिया गया है. दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया की कार्रवाइयों की आलोचना की है.
रिपोर्टों के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने पहले 24 से 31 अगस्त के बीच सैटेलाइट प्रक्षेपण के बारे में जापान के तटरक्षक को सचेत किया था. इसके बाद जापान ने जहाजों और अपनी पीएसी -3 मिसाइल रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया. जापान सरकार ने प्रक्षेपण की आलोचना करते हुए इसे "बेहद समस्याग्रस्त" करार दिया. साथ ही, दक्षिणी ओकिनावा के निवासियों के लिए चेतावनी भी जारी की.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा, "इस तरह का व्यवहार संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ है और हम पहले से ही इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं."
किशिदा ने कहा कि हालिया त्रिपक्षीय कैंप डेविड शिखर सम्मेलन के तहत वाशिंगटन, टोक्यो और सियोल अपनी प्रतिक्रिया में "पहले से कहीं अधिक निकटता से समन्वय करेंगे."
संयुक्त राष्ट्र ने कई प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक तकनीक का परीक्षण करने से प्रतिबंधित किया है. बैलिस्टिक तकनीक का इस्तेमाल मिसाइलों और अंतरिक्ष रॉकेट दोनों के लिए किया जाता है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, "इस प्रक्षेपण से क्षेत्र और उसके बाहर सुरक्षा की स्थिति अस्थिर होने का खतरा है."
खुफिया क्षमताओं को बढ़ा सकता है
हालिया प्रक्षेपण वाशिंगटन और सियोल द्वारा उल्ची फ्रीडम शील्ड के संयुक्त सैन्य अभ्यास की शुरुआत के बाद हुआ है. प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में असफल बातचीत के चलते दोनों कोरियाई देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. यहां तक कि कूटनीति चैनल भी बंद हैं. किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया को एक स्थायी परमाणु शक्ति घोषित किया है और सामरिक परमाणु हथियारों समेत अन्य किस्म की युद्ध सामग्री के उत्पादन को बढ़ाने की बात कही है.
डेनियल के इनौये एशिया-पैसिफिक सेंटर फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के प्रोफेसर लामी किम के अनुसार, कक्षा में जासूसी सैटेलाइट स्थापित करने का उत्तर कोरिया का प्रयास उसकी खुफिया क्षमताओं को काफी बढ़ा सकता है. किम जोंग उन ने आत्मरक्षा के हवाला देते हुए पहले हमला करने के लिए ऐसी सैटेलाइटों की अहमियत पर जोर दिया है.
पिछले असफल प्रक्षेपण की तुलना में विशेषज्ञों ने इस कोशिश में सुधार पाया है. मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफरी लुईस के मुताबिक तीसरे चरण में विफलताएं आम हैं और इन्हें दूर किया जा सकता है.
पीवाई/ओएसजे (एएफपी)