किम ने लॉन्च की न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी
८ सितम्बर २०२३उत्तर कोरिया ने अपनी इस नई पनडुब्बी सबमरीन नं. 841 को हीरो किम कुन ओक नाम दिया है. बुधवार को पनडुब्बी के उद्घाटन समारोह में उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने कहा कि ये पनडुब्बी पानी के भीतर नौसेना की अहम ताकत होगी.
किम जोंग उन ने दिए युद्ध की तैयारी के आदेश
लॉन्च के दौरान किम ने कहा कि परमाणु हथियारों वाली नौसेना बहुत जरूरी हो चुकी थी. न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, किम ने दावा किया कि यह पनडुब्बी छोटे परमाणु हथियार फेंक कर मारने में सक्षम है. उन्होंने एक अन्य पनडुब्बी को परमाणु हथियार वाली सबमरीन में बदलने का एलान भी किया.
पुरानी पनडुब्बी की नया वर्जन
विशेषज्ञों के मुताबिक, किम की नई पनडुब्बी, सोवियत संघ के जमाने की रोमियो क्लास सबमरीन का बदला रूप लग रही है. 1970 के दशक में उत्तर कोरिया ने चीन से रोमियो क्लास की एक पनडुब्बी ली थी. बाद में उसी के सहारे प्योंग्यांग ने पनडुब्बियां बनाना शुरू किया. विश्लेषक कहते हैं कि नई पनडुब्बी में लगे 10 लॉन्च ट्यूब हेचेज, उसे बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल फायर करने की क्षमता दे सकते हैं.
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अमेरिकी सरकार के पूर्व हथियार एक्सपर्ट वान वान डिपेन के मुताबिक, इस पनडुब्बी से उत्तर कोरिया की सैन्य ताकत बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगी. डिपेन कहते हैं कि सबमरीन पुराने डिजाइन पर आधारित है और यह बहुत शोर करते हुए धीमी गति से चलती है. डिपेन को लगता है कि युद्ध में यह पनडुब्बी लंबे समय तक नहीं टिकेगी, "अगर इसे मैदान में उतारा गया तो ये साझेदारों के एंटी सबमरीन युद्ध के सामने बहुत ही कमजोर साबित होगी. मुझे लगता है कि सपाट सैन्य नजरिए से भी ये बहुत ज्यादा सेंस नहीं बनाती है."
दक्षिण कोरिया की सेना का कहना है कि उत्तर की पनडुब्बी अभी सैन्य ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं लग रही है. प्योंग्यांग उसकी क्षमता को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहा है.
उत्तर कोरिया की आलोचना
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर बैन लगा रखा है. लेकिन इसके बावजूद प्योंग्यांग बीच बीच में मिसाइलें टेस्ट करता रहता है. परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी के लॉन्च की जापान और दक्षिण कोरिया ने निंदा की है. जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी हिरोकाजु मात्सुनो ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधियां हमारे देश की सुरक्षा के लिए पहले के मुकाबले कहीं बड़ा और करीबी खतरा पैदा कर रही हैं."
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने भी चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के सामने इस मुद्दे को उठाया. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान के सम्मेलन के दौरान हुई बातचीत में दक्षिण कोरियाई नेता ने बीजिंग से अपील करते हुए कहा कि, चीन कोसुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के नाते उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे पर ध्यान देना चाहिए.
ओएसजे/एसबी (रॉयटर्स)