किम जोंग उन के पतले होने से चिंतित हैं उत्तर कोरियाई
२८ जून २०२१किम जोंग उन के एक हालिया वीडियो को देखकर राजधानी प्योंगयांग के एक नागरिक ने सरकारी समाचार एजेंसी को बताया कि उनका तो दिल ही टूट गया. किम जोंग उन की सेहत पिछले दिनों चर्चा में आ गई थी जब कुछ विश्लेषकों ने उनकी एक नई वीडियो देखकर टिप्पणी की थी कि उनका वजन कम हो गया है.
माना जाता है कि किम जोंग उन 37 वर्ष के हैं. जून में वह एक वीडियो में नजर आए थे. उत्तर कोरिया के सरकारी प्रसारक केआरटी ने एक व्यक्ति का इंटव्यू प्रसारित किया है जिसमें उसने कहा, "माननीय जनरल सेक्रटरी को पीला पड़ते देख लोगों का दिल बहुत दुखा है. सब कह रहे हैं कि उनके तो आंसू ही नहीं रुक रहे हैं.” मीडिया में यह बात नहीं बताई गई है कि किम जोंग उन के वजन कम होने की वजह क्या है.
कमजोर हुए किम जोंग उन
किम जोंग उन हाल ही में एक वीडियो में दिखाई दिए थे, जब वह वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की बैठक में शामिल हुए थे. प्योंगयांग के लोगों ने यह वीडियो देखा था. उससे पहले लगातार एक महीने तक किम जोंग उन लोगों के सामने नहीं आए थे. दक्षिण कोरिया की एक वेबसाइट एनके न्यूज के विश्लेषकों ने इस वीडियो को देखकर कहा कि किम जोंग उन की घड़ी पहले से ज्यादा तंग है और उनकी कलाई पतली हो गई है.
किम जोंग उन की सेहत पर जासूसी एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विशेषज्ञों की पैनी नजर रहती है क्योंकि देश पर किम की मजबूत पकड़ है और उनके उत्तराधिकारी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
पिछले साल भी किम जोंग उन की सेहत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था जब वह 15 अप्रैल को देश के संस्थापक किम जोंग इल की जयंती पर आयोजित समारोहों में शामिल नहीं हुए थे और मई में ही सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे. उससे पहले 2014 में भी वह लंबे समय तक नजर नहीं आए थे जिसके बाद सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि वह कुछ अस्वस्थ हैं.
देश में खाने की कमी
इसी महीने किम जोंग उन ने कहा था कि देश में खाद्य सामग्री की हालत खराब है और पिछले साल आए तूफान और कोरोना वायरस के कारण खाने की चीजों की कमी हो गई है.
समाचार एजेंसी केसीएनए ने खबर दी थी कि सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की सेंट्रल कमेटी की बैठक में योजनाओं और आर्थिक स्थिति की समीक्षा की गई, जिसके बाद किम जोंग उन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि पहली छमाही में औद्योगिक उत्पाद 25 प्रतिशत बढ़ा है लेकिन खाद्य सामग्री की कमी के कारण नीतियों को लागू करने में दिक्कत हो रही है.
उन्होंने कहा, "लोगों के लिए खाने की स्थिति अब गंभीर हो रही है क्योंकि पिछले साल के तूफन के कारण कृषि क्षेत्र योजना के अनुकूल उत्पादन नहीं कर पाया है.”
उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले कई विशेषज्ञों ने भी माना था कि देश में खाने-पीने की चीजों की भारी कमी है. दक्षिण कोरिया की वेबसाइट कोरिया टाइम्स के मुताबिक किम जोंग उन की नीतियों की विफलता के चलते यह स्थिति पैदा हुई है.
अटलांटिक काउंसिल में सीनियर फेलो रॉबर्ट मैनिंग ने कोरियाटाइम्स को बताया, "ज्यादातर संकेत यही कह रहे हैं कि देश में खाद्य सामग्री जरूरत से 13.5 लाख टन से 15 लाख टन तक कम है, जो कि 1990 के अकाल के बाद सबसे खराब स्थिति है. लेकिन इसे सिर्फ खाद्य सामग्री की कमी के तौर पर देखना एक गलती होगी. यह सिर्फ तूफान और बाढ़ के कारण नहीं है बल्कि नीतियों की विफलता और भ्रष्टाचार भी इसके लिए जिम्मेदार है.”
1994 से 1998 के बीच उत्तर कोरिया में गंभीर अकाल पड़ा था जिसने, एक अनुमान के मुताबिक, दसियों लाख लोगों की जान ले ली थी.
वीके/एए (रॉयटर्स)