ओलाफ शॉल्त्स बने जर्मनी के नए चांसलर
८ दिसम्बर २०२१नई जर्मन संसद ने बुधवार को ओलाफ शॉल्त्स को औपचारिक रूप से देश का नया चांसलर चुना. इसके लिए जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में सभी सदस्यों ने वोट डाले. भले ही यह मतदान एक तरह की औपचारिकता माना जाता है लेकिन इसमें भी वोट गुप्त रखा जाता है और इससे यह पता चलता है कि संसद के भीतर नए चांसलर को कितना समर्थन हासिल है.
मतदान के इस दौर में शॉल्त्स को आसानी से बहुमत का समर्थन मिल गया. बुंडेसडाग की अध्यक्ष बैर्बेल बास ने पहला वोट डाला. सांसदों के कुल 707 वैध मतों में से 395 मत शॉल्त्स के पक्ष में पड़े और इसकी घोषणा के साथ ही उन्हें नई जर्मन सरकार का प्रमुख चुन लिया गया.
दिलचस्प बात यह रही है कि शॉल्त्स के तथाकथित ट्रैफिक लाइट गठबंधन के सभी सदस्यों ने उनके पक्ष में मतदान नहीं किया. इसमें शामिल तीनों दलों - एसपीडी, एफडीपी और ग्रीन्स - के सभी सदस्य अगर उनके लिए वोट डालते तो उन्हें 416 वोट मिले होते. उनके खिलाफ 303 मत पड़े जबकि 6 सांसद इस प्रक्रिया से बाहर रहे.
सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता शॉल्त्स, अंगेला मैर्केल के साथ पिछली गठबंधन सरकार में उप-चांसलर और देश के वित्त मंत्री थे. सितंबर में हुए आम चुनाव के बाद उनकी एसपीडी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी. उसके बाद एक गठबंधन सरकार बनाने के लिए चली कई हफ्ते लंबी वार्ता के बाद पर्यावरण समर्थक ग्रीन पार्टी और उदारवादी एफडीपी ने साथ मिलकर नई सरकार बनाने पर सहमति बना ली.
वोटिंग के बाद क्या
संसद में बहुमत का समर्थन हासिल करने के बाद नए चांसलर जर्मन राष्ट्रपति के निवास श्लॉस बेलव्यू गए. वहां जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने उन्हें चांसलर के रूप में नियुक्त किए जाने की औपचारिकता पूरी की. राष्ट्रपति से मिलने के बाद वह वापस संसद लौटे और तब उन्हें चांसलर पद की शपथ दिलाई गई. इसके बाद नए चांसलर और उनकी नई कैबिनेट के सभी सदस्य एक बार फिर राष्ट्रपति भवन गए, जहां उन्हें भी आधिकारिक रूप से नियुक्त किया गया.
कैसी है नई कैबिनेट
शॉल्त्स की कैबिनेट में 16 मंत्री हैं. लैंगिक रूप से संतुलित यह जर्मनी की पहली कैबिनेट है जिसमें आठ महिला और आठ ही पुरुष मंत्री हैं. इसके अलावा पहली बार एक तुर्क मूल का मंत्री भी कैबिनेट में शामिल हुआ है. दलों के आधार पर बंटवारे को देखा जाए तो सात मंत्री चांसलर की पार्टी एसपीडी से, जबकि पांच ग्रीन पार्टी और चार एफडीपी से हैं.
बुधवार को ही बारी बारी से मैर्केल की पुरानी कैबिनेट के मंत्री इस नई कैबिनेट के मंत्रियों को उनके मंत्रालयों का कार्यभार सौंपेंगे. खुद शॉल्त्स भी नए वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर को मंत्रालय का कार्यभार सौंपेंगे. नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना महामारी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाने की होगी.
अंगेला मैर्केल जर्मनी की दूसरी सबसे लंबे समय तक चांसलर रही हैं. इस पद पर उनसे 10 दिन लंबा समय केवल हेलमुट कोल ने ही बिताया है, जो कि 16 साल और 26 दिन था. कोल 1982 से 1998 तक जर्मनी के चांसलर रहे. बुंडेसटाग में बुधवार के कार्यक्रम के लिए पूर्व चांसलर अंगेला मैर्केल और गेरहार्ड श्रोएडर अतिथि के रूप में संसद में मौजूद थे. सितंबर में आम चुनाव के पहले ही मैर्केल ने घोषणा कर दी थी कि वह एक और बार चुनाव में खड़ी नहीं होंगी.