कभी गुस्से के लिए मशहूर पूर्व जनरल का राष्ट्रपति बनना तय
१४ फ़रवरी २०२४देश के मौजूदा रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्राबोवो सुबियांतो अपनी जीत के लिए आश्वस्त हैं. चार बड़े एग्जिट सर्वे रिपोर्टों में उन्हें करीब 58 प्रतिशत मत मिलने का अनुमान है. ऐसे में संभावना है कि आधिकारिक गिनती पूरी होने पर वह देश के नए राष्ट्रपति चुन लिए जाएं. तीन उम्मीदवारों वाले इस राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण में अगर सुबियांतो 50 फीसदी मत हासिल कर लेते हैं, तो उन्हें विजेता घोषित कर दिया जाएगा. वरना उन्हें जून में प्रस्तावित दूसरे चरण के मतदान में दावेदारी करनी होगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, शुरुआती रुझान के बाद सुबियांतो ने कहा, "यह जीत सभी इंडोनेशियाइयों की जीत होनी चाहिए."
कभी अमेरिका में आने पर लगा था बैन
सीधे तौर पर राजनीति में आने से पहले सुबियांतो इंडोनेशियाई सेना में जनरल रह चुके हैं. वह इंडोनेशिया के विवादित राष्ट्रपति सुहार्तो के दामाद रहे हैं. सुबियांतो पर 1998 में छात्र एक्टिविस्टों को अगवा करने, पापुआ और पूर्वी टिमोर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं. 2020 तक उनके अमेरिका में घुसने पर पाबंदी थी. हालांकि रक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद से उन्होंने अपनी छवि में काफी बदलाव किया है.
विश्लेषकों का कहना है कि पहले जहां उनकी पहचान कट्टर राष्ट्रवादी की थी, वहीं हालिया सालों में उन्होंने करिश्माई राजनेता के तौर पर अपनी छवि बनाई है. चुनाव प्रचार के दौरान वह गुस्से वाली अपनी पुरानी छवि बदलने की भी कोशिश करते दिखे. वह सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हैं. इंस्टाग्राम पर करीब 90 लाख लोग उन्हें फॉलो करते हैं. उनका डांस मूव्स टिकटॉक पर भी वायरल हुए थे. हालांकि कई आलोचकों का कहना है कि मतदाताओं को रिझाने के लिए प्राबोवो सुबियांतो की टीम उनकी नरम छवि बनाने की कोशिश कर रही है. सुबियांतो के विरोधी चुनाव में कहते रहे हैं कि उनका जीतना इंडोनेशिया में फिर से परिवारवादी राजनीति के दिन ला सकता है.
पुराने विरोधी से नया नाता
सुबियांतो ने बीते दो चुनावों में उन्हें हराने वाले लोकप्रिय राष्ट्रपति जोको विडोडो के बेटे गिब्रान राकाबुमिंग राका को उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना साथी चुना है. गिब्रान 36 साल के हैं और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए देश की संवैधानिक अदालत से विशेष रियायत मिली है. इस फैसले के वक्त संवैधानिक अदालत के प्रमुख विडोडो के बहनोई (गिब्रान के फूफा) अनवर उस्मान थे. विवादित फैसले के बाद उस्मान को पद से हटा दिया गया था.
इस साल राष्ट्रपति विडोडो संवैधानिक व्यवस्था के तहत पांच-पांच साल के अधिकतम 2 कार्यकाल पूरे कर लेंगे. इसके बाद वह कानूनन चुनाव नहीं लड़ सकते. ऐसे में अपने बेटे और परिवार को देश की राजनीति में स्थापित करने का यही सबसे बेहतरीन मौका था. 17000 द्वीपों में फैले दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश में चुनाव के आधिकारिक नतीजे मतदान के लगभग 35 दिन बाद आएंगे. जानकारों का मानना है विडोडो और सुबियांतो के साथ आने के बाद इंडोनेशिया का निकट भविष्य इन्हीं परिवारों के इर्द-गिर्द होगा.
आरएस/एसएम(रॉयटर्स, एएफपी)