श्रीलंका में जला दिया गया प्रधानमंत्री का घर
१० मई २०२२राजपक्षे के समर्थकों द्वारा मारपीट किए जाने के बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने देश भर में राजपक्षे परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के कई घर जला दिए. सिलसिला बसें फूंकने से शुरू हुआ और जल्द ही राजपक्षे बंधुओं के माता-पिता के स्मारक और उनके पैतृक घर को जला दिया गया.
उनका पैतृक घर कोलंबो से करीब 250 किलोमीटर दूर हंबनटोटा में है. उसके अलावा तीन पूर्व मंत्रियों और दो सांसदों के घरों को भी जला दिया गया. हिंसा में अभी तक पांच लोगों की जान जा चुकी है और 190 से भी ज्यादा लोग घायल हैं.
12 मंत्रियों के घर जलाए गए
पूरे देश में लगा कर्फ्यू बुधवार 11 मई तक बढ़ा दिया गया है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के भी इस्तीफे की मांग की जा रही है. महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो स्थित उनके आधिकारिक निवास के अंदर भी घुसने की कोशिश की.
पुलिस ने भीड़ को पीछे करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में गोलियां भी चलाईं. बाद में भोर से ठीक पहले सेना ने राजपक्षे और उनके परिवार को वहां से सुरक्षित निकाल लिया. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि राजपक्षे के निवास पर कम से कम 10 पेट्रोल बम भी फेंके गए.
मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो की गाड़ी को एक झील में धक्का दे दिया.
सांसद ने ले ली अपनी ही जान
सोमवार पूरे दिन और देर रात तक चली हिंसा के बाद मंगलवार सुबह कोलंबो की सड़कों पर शांति थी. पुलिस के प्रवक्ता निहाल थलडुवा ने बताया, "स्थिति अब काफी शांत है. हालांकि छिटपुट अशांति की खबरें अभी भी आ रही हैं." उन्होंने यह भी बताया कि हिंसा के लिए अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
सोमवार को भीड़ द्वारा घेर लिए जाने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद अमरकीर्ति अतुकोराला ने दो लोगों पर गोलियां चला दी थीं, जिनमें से 27 साल के एक व्यक्ति की जान चली गई. बाद में सांसद का ही शव एक इमारत से बरामद हुआ.
एक पुलिस अफसर ने एएफपी को फोन पर बताया कि उन्होंने अपनी ही रिवॉल्वर से अपनी जान ले ली थी. पुलिस ने यह भी बताया कि उसी जगह उनके अंगरक्षक की भी लाश मिली. सत्तारूढ़ पार्टी के एक और नेता ने भी प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी थी, जिसमें दो लोग मारे गए और पांच घायल हो गए.
क्या कर सकते हैं राष्ट्रपति
महिंदा राजपक्षे ने कहा था कि वो इस्तीफा दे रहे हैं ताकि एक एकजुट सरकार बन सके, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि विपक्ष ऐसी सरकार बनाने में शामिल होगा या नहीं. श्रीलंका के संविधान के तहत इस तरह की एकजुट सरकार में भी मंत्रियों और जजों को नियुक्त करने और बर्खास्त करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास होगी.
राष्ट्रपति पर कोई मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकेगा. विल्सन सेंटर में समीक्षक माइकल कुगल्मैन ने बताया, "जब तक राष्ट्रपति राजपक्षे इस्तीफा नहीं दे देते, कोई शांत नहीं होगा- न सड़कों पर जनता और न प्रमुख राजनीतिक नेता."
एशिया सोसायटी पॉलिसी संस्थान के अखिल बेरी के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राष्ट्रपति का अगला कदम क्या होगा. उन्होंने बताया कि तुरंत इस्तीफा देने की जगह वो एक कार्यकारी सरकार नियुक्त कर सकते हैं.
वो सेना और पुलिस को तैनात कर प्रदर्शनों को दबाने का आदेश भी दे सकते हैं या उनके "प्राकृतिक रूप से अंत हो जाने" का इंतजार भी कर सकते हैं.
(एफपी और रॉयटर्स से जानकारी के साथ)