पाकिस्तानी अधिकारी ने माना, ड्रोन से पंजाब में जा रही ड्रग्स
२८ जुलाई २०२३पाकिस्तानी तस्कर सीमा पार से भारत में ड्रग्स भेजने के लिए ड्रोन जैसे हाई टेक साधन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसका खुलासा खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष रक्षा सलाहकार मलिक मोहम्मद अहमद खान ने एक टीवी इंटरव्यू में किया है.
खान ने पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर को दिए इंटरव्यू में इस बात को माना कि पाकिस्तान स्थित ड्रग्स तस्कर ड्रोन का इस्तेमाल कर भारत ड्रग्स भेज रहे हैं. खान ने यह इंटरव्यू भारत के पंजाब की सीमा के पास लगे कसूर शहर में दिया है. खान कसूर से प्रांतीय विधानसभा (एमपीए) के सदस्य भी हैं.
ड्रग्स तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
पत्रकार हामिद मीर ने इस बातचीत का वीडिया खुद ट्विटर पर साझा किया और लिखा कि पीएम के सलाहकार ने माना है कि बाढ़ प्रभावित कसूर में तस्कर पाकिस्तान-भारत सीमा पर हेरोइन की तस्करी के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस वीडियो में मीर खान से कसूर में सीमा पार से हो रही ड्रग्स की तस्करी पर सवाल पूछते नजर आ रहे हैं, जिस पर खान सहमति जताते हुए कहते हैं, "हां और यह बहुत भयावह है."
मीर से बातचीत में खान ने बताया कि हाल ही में ऐसे दो मामलों में ड्रोन में 10-10 किलो हेरोइन बरामद की गई, जिसे बॉर्डर पार भेजा रहा था.
खान ने दावा किया कि एजेंसियां इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रही हैं. खान के इस कबूलनामे से यह स्पष्ट है कि ड्रग्स की तस्करी पाकिस्तान से हो रही है और इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है और वहां की एजेंसियां इससे वाकिफ हैं.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मीर ने कहा कि खान की तरफ से दिया गया बयान इस बात का पहला कबूलनामा है कि ड्रोन की मदद से पाकिस्तान से ड्रग्स की तस्करी की जा रही है. उन्होंने कहा कि खान की ओर से यह स्वीकार कर लेना बहुत महत्वपूर्ण है.
मीर ने कहा खान कसूर से एमपीए हैं और वो पाकिस्तान की सरकार और सेना के बेहद करीब हैं. उन्होंने कहा खान पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और सेना के मौजूदा बड़े अधिकारियों के भी काफी करीबी हैं.
नशे का कारोबार और आतंकवाद
भारतीय अधिकारियों का दावा है कि अवैध मादक पदार्थों के कारोबार से प्राप्त धन का इस्तेमाल पाकिस्तान द्वारा पंजाब के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में आतंकवादको वित्त पोषित करने के लिए किया जाता है.
जुलाई में पंजाब पुलिस की तरफ से बताया गया था कि अकेले फिरोजपुर जिले में जुलाई 2022 से 2023 तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 795 एफआईआर दर्ज की गईं. आंकड़ों से पता चलता है कि ज्यादातर ड्रग्स पंजाब के उन जिलों से जब्त की गईं जो पाकिस्तान की सीमा से लगे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बीएसएफ के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस साल अकेले पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों से 260 किलो हेरोइन, 19 हथियार, 30 मैगजीन, 470 राउंड गोलियां और 30 ड्रोन बरामद किए गए हैं.
इस साल मार्च में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, "हमें एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जहां पाकिस्तान से ड्रग्स और हथियारों की एक साथ तस्करी की जाती है. जबकि हथियार आतंकवादियों को पहुंचा दिए जाते हैं वहीं ड्रग्स से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा संचालकों को सीमा पार पहुंचा दिया जाता है."
कश्मीर में ड्रग्स को लेकर बढ़ी चिंता
25 जुलाई को डीजीपी दिलबाग सिंह ने पत्रकारों से कहा कि पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर की युवा पीढ़ी को ड्रग्स की ओर आकर्षित करने के लिए पंजाब मॉडल का अनुसरण कर रहा है क्योंकि राज्य में आतंकवाद अपनी मृत्युशैया पर है.
दिलबाग सिंह ने कहा, "जब पंजाब में आतंकवाद खत्म हुआ, तो युवा और लोग ड्रग्स की ओर आकर्षित हुए. पंजाब में आतंकवाद खत्म हो गया, लेकिन ड्रग्स पीढ़ियों को नष्ट करने के लिए वहां मौजूद है. उसी मॉडल को पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में भी अपनाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपनी मृत्युशय्या पर है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं. युवाओं को नशे की ओर आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है."
सिंह ने दावा किया कि राज्य के युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने के लिए खेल व अन्य गतिविधियों में उन्हें शामिल किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान राज्य पुलिस ने 8 हजार किलो से अधिक नशीले पदार्थ बरामद किए हैं और तीन हजार से अधिक लोगों के खिलाफ दो हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
भारत कई बार ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स तस्करी का मुद्दा पाकिस्तान के सामने उठा चुका है लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.