इमरान खान का दावा: सरकार ने मारने की साजिश रची
११ नवम्बर २०२२डीडब्ल्यू को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि देश की मौजूदा सरकार उन्हें मरवाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह इस सरकार की सत्ता पकड़ के लिए खतरा हैं.
उन्होंने कहा, "वे डरे हुए हैं. वे चुनाव जानते हैं. वे मुकाबला नहीं कर सकते और इसलिए उनका उद्देश्य मुझे रास्ते से हटाना है. उन्होंने अन्य तरीकों की कोशिश की है और मुझे अयोग्य घोषित करने की कोशिश की है. उन्होंने मेरे खिलाफ आतंकवाद के मामले भी दर्ज किए." पाकिस्तान में इमरान खान पर चली गोली
इमरान खान ने डीडब्ल्यू से कहा, "जिन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है, जो चाहते हैं कि मुझे खत्म कर दिया जाए, वह वर्तमान सरकार है."
इमरान खान एक पूर्व क्रिकेट हीरो हैं, जिनके नेतृत्व में पाकिस्तानी टीम ने 1992 में विश्व कप जीता था. उन्होंने अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीका पद संभाला. मौजूदा वक्त में वह देश में जल्दी आम चुनाव के लिए एक विरोध अभियान चला रहे हैं और इसका नेतृत्व करते हुए वह 3 नवंबर को गोलीबारी में घायल हो गए थे.
मार्च के दौरान ने उन पर हमला किया गया, जिसमें उनके पैर और जांघों में तीन गोलियां लगी थीं. इस हमले में उनके एक समर्थक की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए.
पुख्ता सबूत पेश नहीं किए
इमरान खान को पूरा भरोसा है कि वह इस्लामाबाद की मौजूदा सरकार और अमेरिका के बीच साजिश का निशाना हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि अविश्वास मत, जिस वजह से उन्हें अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था, और उसके बाद उनकी हत्या की कोशिश उसी साजिश का हिस्सा थे.
उन्होंने कहा, "साजिश दो महीने पहले शुरू की गई थी. उन्होंने मुझे इस बहाने से बाहर निकालने का फैसला किया कि एक धार्मिक कट्टरपंथी ने मुझे मार डाला है." उन्होंने कहा, "जो लोग सबसे अधिक खतरा महसूस करते हैं और जो मुझे खत्म करना चाहते हैं, वो वर्तमान सरकार है."
चुनाव आयोग ने लगाया इमरान खान पर पांच साल का प्रतिबंध
जब डीडब्ल्यू ने उन पर साजिश के लिए सबूत देने के लिए दबाव डाला तो इमरान खान ने कहा कि उनके पास इस समय जो भी सबूत हैं वे केवल "परिस्थितिजन्य साक्ष्य" हैं.
हमले के बाद इमरान खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनके पैरों से गोलियां निकाली गईं. उन्होंने अपने समर्थकों से इस्लामाबाद की ओर अपना मार्च जारी रखने का आग्रह किया ताकि सरकार को आम चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके.
इमरान खान ने पिछले महीने के अंत में मार्च शुरू किया था, लेकिन इस महीने की शुरुआत में गोलीबारी में घायल होने के बाद उन्हें बीच में ही मार्च छोड़ना पड़ा.
दूसरी ओर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जल्द चुनाव की संभावना से इनकार किया और कहा कि निर्धारित समय के अनुसार पाकिस्तान में आम चुनाव 2023 में होंगे.