मधुमक्खी के डंक से इलाज
इराक के मोसूल शहर में लोगों को मधुमक्खी के डंक मरवाए जा रहे हैं. यह एक तरह का इलाज है जो अलग-अलग रोग से पीड़ित रोगियों को दिया जाता है. हालांकि इस इलाज के बारे में आधुनिक चिकित्सा प्रणाली अभी पूरी तरह आश्वस्त नहीं है.
एपिथेरेपीः मधुमक्खी के डंक से इलाज
इराक के मोसूल शहर में मुस्तफा कनान के पास मरीज मधुमक्खियों के डंक से इलाज कराने आते हैं. आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में इसे एपिथेरेपी कहा जाता है, जिसमें शहद की मक्खियों के उत्पादों, विशेष रूप से मधुमक्खी के विष का प्रयोग अलग-अलग तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.
क्या है जहर में
मधुमक्खी के जहर में पेप्टाइड्स और एंजाइम्स जैसे सक्रिय अणु होते हैं. कुछ शोध दिखाते हैं कि ये तत्व सूजन और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोगों, जैसे पार्किंसन, अल्जाइमर और एमियोट्रोफिक लैटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) के इलाज में लाभकारी होते हैं.
कैंसर और एचआईवी
अमेरिकी के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर उपलब्ध एक शोधपत्र के मुताबिक मधुमक्खी का विष विभिन्न प्रकार के कैंसर के खिलाफ प्रभावी साबित हुआ है और इसमें एचआईवी सहित एंटी-वायरल गुण भी हैं.
पुराना इलाज
मधुमक्खी के विष का चिकित्सा में प्रयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है. मध्य पूर्व के देशों में यह आज भी एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में प्रचलित है जहां सीधे ही मधुक्खियों से डंक मरवाए जाते हैं.
तंत्रिका सुरक्षा
शोध के मुताबिक मधुमक्खी का विष और मेलिटिन न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों में तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा प्रदान कर सकता है, रोग को बढ़ने से रोक सकता है. चूहों पर हुए इसके प्रयोगों में कुछ कामयाबियां मिली हैं.
भविष्य की संभावनाएं
शोधकर्ता कहते हैं कि इसका क्लीनिकल उपयोग अभी दूर है, लेकिन नैनोपार्टिकल-आधारित डिलीवरी सिस्टम पर चल रहे शोध से मधुमक्खी के विष और उसके यौगिकों के विभिन्न उपचारों में उपयोग को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.