मिलग्रोम और विल्सन को अर्थशास्त्र का नोबेल
१२ अक्टूबर २०२०साल 2020 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार सोमवार को अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल आर मिलग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन को ऑक्शन थ्योरी में सुधार और नीलामी से जुड़े नए आविष्कार के लिए दिया जाएगा. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार, विल्सन को अर्थशास्त्र में इस वर्ष के पुरस्कार से सम्मानित किया है क्योंकि उन्होंने दिखाया कि बोली लगाने वाले अपने सामान्य मूल्य के नीचे बोलियां क्यों लगाते हैं.
नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा, "नीलामी सब जगह होती है और ये हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को भी छूती है. ये नए ऑक्शन फॉर्मेट बहुत खूबसूरती से दिखाते हैं कि मूलभूत रिसर्च किस तरह से ऐसे आविष्कारों को जन्म देते है जो समाज को फायदा पहुंचाते हैं." नोबेल कमेटी ने कहा कि इन आविष्कारों से दुनिया भर में खरीदारों और कर दाताओं को फायदा मिला है.
इस पुरस्कार के लिए गोल्ड मेडल और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर की राशि दी जाएगी जो कि दोनों विजेताओं में बांटी जाएगी. एक करोड़ क्रोनर यानी लगभग 11 लाख डॉलर. मिलग्रोम और विल्सन दोनों स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं.
मिलग्रोम ने बताया कि उन्हें अपने पुरस्कार जीतने के बारे में बहुत ही अनोखे अंदाज में जानकारी मिली, "बॉब विल्सन ने मेरा दरवाजा खटखटाया. वे मेरे पीएचडी एडवाइजर थे और वे मेरे घर के ठीक सामने वाले घर में रहते हैं." मिलग्रोम के अनुसार उनके सहकर्मी, दोस्त और छात्र अकसर उन्हें कहते रहे हैं कि वे नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं, "बहुत अच्छा लग रहा है. उनका सम्मान और उनका प्यार दोनों पा कर."
पिछले सप्ताह फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी. अर्थशास्त्र का नोबेल एकमात्र पुरस्कार है जो स्वीडन के सेंट्रल बैंक द्वारा दिया जाता है. 1969 से इसकी शुरुआत के बाद से 86 अर्थशास्त्रियों को यह पुरस्कार मिल चुका है. इनमें अधिकतर नाम अमेरिका के हैं. 2019 में अभिजीत बैनर्जी, एस्थर डूफ्लो और माइकल क्रेमर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. अभिजीत बैनर्जी के अलावा भारत के अमर्त्य सेन को भी यह पुरस्कार मिल चुका है.
आईबी/एमजे (एपी, रॉयटर्स)
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