एमनेस्टी: रूस में शांतिपूर्ण विरोध संभव नहीं
१३ अगस्त २०२१एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शांतिपूर्ण विरोध को रोकने के लिए रूसी अधिकारी विभिन्न अनुशासनात्मक उपाय अपना रहे हैं. एमनेस्टी के मुताबिक प्रदर्शन विरोधी कानूनों और अत्यधिक पुलिस बल के उपयोग जैसे उपायों, जिसमें तितर-बितर करने के लिए अत्यधिक बल का उपयोग शामिल है.
उसने व्लादीमीर पुतिन सरकार के लिए विरोध प्रदर्शनों पर नकेल कसना आसान बना दिया है. वर्तमान में रूस में आम लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतनी सीमित है कि अब सरकार के खिलाफ बोलना संभव नहीं है.
विरोध-विरोधी कानून
ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार समूह की 21-पृष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस में पुतिन सरकार ने हाल के वर्षों में कई कानून पेश किए हैं, जिससे लोगों को अपने अधिकारों के लिए इकट्ठा होने या बोलने की अनुमति सीमित हो रही है. कानून के तहत सड़क पर विरोध प्रदर्शन करना एक तरह का अपराध हो गया है.
इन कानूनों के कारण हाल के सालों में एजेंसियों ने भी प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसी है. रिपोर्ट के मुताबिक रूसी सरकार ने 2004 के बाद से 13 बार संसद में संघीय कानून में संशोधन किया है और इन संशोधनों ने प्रारंभिक कानून को सख्त कर दिया है.
अब एक दर्जन से अधिक संशोधनों के बाद कानून यह निर्धारित करता है कि कौन प्रदर्शन का आयोजन करेगा, कौन इसमें शामिल हो सकता है और यह कहां होगा.
महामारी प्रतिबंध
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सरकार ने घातक कोरोना वायरस जनित बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है. एमनेस्टी के मुताबिक मॉस्को सरकार शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को रोकने के संदर्भ में इन प्रतिबंधों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हट रही है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के रूस के शोधकर्ता ओलेग कोजलोव्स्की का कहना है कि रूसी अधिकारी लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को तेजी से प्रतिबंधित कर रहे हैं. कोजलोव्स्की के मुताबिक, "मॉस्को ने इस मुद्दे पर जितनी ऊर्जा खर्च की है, वह शायद ही किसी अन्य मुद्दे पर केंद्रित है और सड़क पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन अब राज्य की नजर में एक अपराध है."
एमनेस्टी के मुताबिक नए संशोधनों के बाद लोग किसी भी अदालत, जेल, राष्ट्रपति आवास या आपातकालीन सेवाओं के पास इकट्ठा नहीं हो पाएंगे. इसके अलावा विरोध प्रदर्शनों के आयोजकों को किसी भी विरोध के बारे में अधिकारियों को सूचित करना आवश्यक है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा बल के अत्यधिक इस्तेमाल को क्या कहते हैं. अत्यधिक बल के बारे में कहा गया "प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मार्शल आर्ट तकनीकों का उपयोग, बेरहमी से डंडों से पीटना और इलेक्ट्रोशॉक वाले डंडे से वार शामिल है."
एए/वीके (डीपीए, रॉयटर्स)