प्लास्टिक कचरे को कैसे कम किया जा सकता है?
प्लास्टिक सस्ता है और हल्का भी. लेकिन पर्यावरण पर इसका बोझ बढ़ता ही जा रहा है. कैसे कम किया जा सकता है प्लास्टिक कचरे को? केन्या में एक शिखर सम्मेलन में इसके तरीके खोजने की कोशिश हो रही है.
तीव्र प्रदर्शन
ये ऐक्टिविस्ट केन्या की राजधानी नैरोबी में इकट्ठा हुए हैं वैश्विक प्लास्टिक उत्पादन में कटौती की मांग करने के लिए. बीते एक साल में 175 देशों के बीच इसे लेकर 2024 तक संयुक्त राष्ट्र की एक संधि के लक्ष्य को हासिल करने पर सहमति हुई है.
रीसाइक्लिंग है बेहद जरूरी
संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य है 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को गंभीर रूप से कम करना. केन्या ने इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए 2017 में प्लास्टिक की थैलियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. प्लास्टिक को अलग करने के सिस्टम भी लगाए गए हैं, जैसे गीताथुरु नदी में लगा हुआ यह सिस्टम. लेकिन कचरे का बनना अभी भी जारी है.
प्लास्टिक से लबालब
प्लास्टिक की इन बोतलों को केन्या की गीताथुरु नदी से निकाला गया है. यूरोपीय प्लास्टिक उत्पादक संघ के मुताबिक, पिछले साल करीब 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ था. यह 2002 के मुकाबले दोगुना है. प्लास्टिक एक बार खुले में पहुंच जाए, उसके बाद वो पौधों और जानवरों के लिए गंभीर जोखिम बन जाता है.
पानी से प्लास्टिक को निकालना
पानी का प्रदूषण जर्मनी में भी एक समस्या है. 2021 में अनुमान लगाया गया था कि करीब 41,700 किलो प्लास्टिक सिर्फ एल्बे नदी से समुद्र में पहुंच गया था. पर्यावरणीय संगठन कचरे को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे की ग्रीनकयाक एनजीओ कचरा इकट्ठा करने के लिए नदी में जाने वाले लोगों को मुफ्त में कयाक का इस्तेमाल करने देता है.
तुरंत कुछ नहीं हो सकता
प्लास्टिक की उम्र लंबी होती है और इस वजह से एक बड़ी समस्या पैदा होती है. उसे नष्ट होने में सदियां लग सकती हैं. अब अनिवार्य नियम लाए जाएंगे जो प्लास्टिक के उत्पादों के डिजाइन से लेकर प्लास्टिक के कचरे के निपटान और रीसाइक्लिंग पर लागू हो सकते हैं. कुछ चीजों के उत्पादन की मात्रा पर नियंत्रण भी लगाया जा सकता है.
आविष्कार की जननी की आवश्यकता
केन्या में स्थानीय लोग प्लास्टिक कचरे की कभी ना खत्म होने वाली समस्या का मुकाबला करने के लिए अलग अलग तरीके खोज रहे हैं. यह व्यक्ति एक "फ्लिपफ्लॉपी" बना रहा है, जो प्लास्टिक कचरे से बनी एक पारंपरिक नाव है. यह काम उस पहल का हिस्सा है जिसका लक्ष्य है उन नई संभावनाओं को दिखाना जो रीसाइक्लिंग से निकल सकती हैं.
महासागरों के लिए उम्मीद
पुर्तगाल के कमारा दे लोबोस में एक सील के इस म्यूरल को प्लास्टिक कचरे से बनाया गया है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि केन्या में होने वाली बातचीत से प्लास्टिक को लेकर व्यवहार में बदलाव आएगा. वार्ताकार जोर देते रहे हैं कि लक्ष्य प्लास्टिक के इस्तेमाल की निंदा करना या प्लास्टिक को बैन करना नहीं है बल्कि यह पता लगाना है कि अलग अलग तरह के प्लास्टिक के उत्पादन को कितना सीमित किया जा सकता है. (क्लॉडिया डेन)