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पोलैंड के राष्ट्रपति ने मीडिया बिल पर वीटो किया

२८ दिसम्बर २०२१

महीनों से चले आ रहे पोलैंड के मीडिया बिल विवाद पर देश के राष्ट्रपति ने सख्त रुख अपनाया है. आंद्रे दूदा ने कहा है कि वह मीडिया बिल को रोकने के लिए वीटो शक्ति का इस्तेमाल करेंगे.

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तस्वीर: Beata Zawrzel/NurPhoto/picture alliance

पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रे दूदा ने कहा है कि वह प्रस्तावित विवादित मीडिया बिल को रोकने के लिए अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे. इस बिल पर महीनों से विवाद चल रहा था जिसे मीडिया की आजादी और असहमति पर लगाम कसने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

हाल ही में पोलैंड की संसद के निचले सदन से एक बिल पास हुआ है जिसके तहत गैर यूरोपीय कंपनियों को पोलैंड में किसी मीडिया चैनल में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने पर पाबंदी लगा दी गई है. अमेरिकी कंपनी डिस्कवरी की देश के सबसे बड़े समाचार चैनल टीवीएन में सर्वाधिक हिस्सेदारी है.

अमेरिकी कंपनी पर होता असर

दूदा ने कहा कि यह बिल बहुत से नागरिकों को पसंद नहीं आ रहा है और उनके देश की छवि को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब विदेशी पूंजी की बात आती है तो आमतौर पर मीडिया कंपनियों में हिस्सेदारी को सीमित करने की संभावना समझदारी भरी है. मैं इस बात से भी सहमत हूं कि इसे पोलैंड में लागू किया जाना चाहिए, लेकिन भविष्य में.”

इस कानून के चलते डिस्कवरी को समाचार चैनल TVN24 में अपनी हिस्सेदारी का अधिकतर भाग बेचना पड़ सकता है. टीवीएन की अनुमानित कीमत एक अरब अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 75 अरब रुपये है, जो पोलैंड में अमेरिका का सबसे बड़ा एकमुश्त निवेश है.

इस कानून को अमेरिका ने मीडिया की आजादी पर हमला बताया था. सत्ताधारी पोलिश पार्टी के विरोधियों ने भी इसे मीडिया की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश बताया जबकि लॉ एंड जस्टिस पार्टी का तर्क है कि विदेशी कंपनियों का देश के मीडिया उद्योग में बहुत ज्यादा दखल है जिस कारण जनता के बीच चल रही बहस बिगड़ रही है.

अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा

इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट ने भी पोलैंड के इस कदम को गलत बताते हुए मीडिया अधिकारों पर चिंता जताई थी. दूदा ने कहा कि इस बिल से उन लोगों में भी चिंता है जो पहले से ही देश के बाजार में मौजूद हैं. पोलिश राष्ट्रपति ने कहा, "मीडिया में विविधता और अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता का मुद्दा भी है. अपना फैसला लेते हुए मैंने इस विषय पर भी गंभीरता से विचार किया है.”

इस महीने की शुरुआत में देश के कई शहरों में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे जिनमें हजारों लोगों ने दूदा से मीडिया लॉ को वीटो करने की मांग की थी. प्रदर्शनकारियों ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा था कि यह टीवीएन24 समाचार चैनल को खामोश करने की कोशिश है. चैनल सरकारी नीतियों को लेकर आलोचनात्मक रहता है.

अमेरिका ने इस बिल की तीखी आलोचना की थी और पोलैंड को इसके खिलाफ चेतावनी भी दी थी. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अगस्त में कहा था कि वह इस प्रस्ताव से बहुत नाखुश हैं और वॉरसा को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए.

वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)

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