चुनावी बॉन्ड भर रहे क्षेत्रीय दलों की झोलियां
भारत में राजीनितक पार्टियों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपने विश्लेषण में पाया है कि राजनीतिक दलों की कमाई का मोटा हिस्सा चुनावी बॉन्डों से आ रहा है.
क्षेत्रीय पार्टियों की इतनी आय
साल 2021-2022 में 27 क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों ने 1165.57 करोड़ रुपये की आय घोषित की थी. जिन दलों द्वारा दी गई जानकारी का विश्लेषण किया गया, उन्हें 145.42 करोड़ रुपये ज्ञात दाताओं से मिले थे.
अज्ञात स्रोतों से मिला धन
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-2022 में 27 क्षेत्रीय दलों की घोषित आय में अज्ञात स्रोतों का हिस्सा 76 प्रतिशत से अधिक था और उस राशि का 93.26 प्रतिशत गुमनाम चुनावी बॉन्ड से आया था.
चुनावी बॉन्ड और चंदे हैं आय का जरिया
एडीआर ने शुरू में 54 क्षेत्रीय पार्टियों का विश्लेषण किया था, लेकिन बाद में पाया कि इनमें से सिर्फ 28 पार्टियों ने अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और डोनेशन रिपोर्ट दाखिल की थीं, जो चुनावी बॉन्ड के अलावा 20,000 रुपये से अधिक के सभी दान की घोषणा है.
अज्ञात स्रोत से 76 फीसदी आय
एडीआर के विश्लेषण में चुनावी बॉन्ड, कूपन की बिक्री, राहत कोष और विविध आय शामिल हैं. कुल आय का 887.55 करोड़ रुपये या 76.14 प्रतिशत हिस्सा अज्ञात स्रोत से आया.
क्षेत्रीय दलों की आय बढ़ी
क्षेत्रीय दलों की आय में 2020-2021 में 530.70 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई है. यह वह साल था जब देश में कोविड-19 महामारी फैली थी. एडीआर ने कहा कि 2020-2021 में 27 दलों की कुल आय में अज्ञात स्रोतों का हिस्सा 49.73 प्रतिशत था.
अज्ञात स्रोतों से धन पाने वाले पांच दल
एडीआर ने जिन क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया उनमें डीएमके की अज्ञात स्रोतों से सबसे अधिक आय (306.02 करोड़ रुपये) थी. इसके बाद नंबर था बीजेडी (291.09 करोड़ रुपये), तेलंगाना राष्ट्र समिति (153.03 करोड़ रुपये), वाईएसआर-कांग्रेस (60.01 करोड़) और जेडीयू (48.36 करोड़ रुपये) का.