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राष्ट्रपति चुनाव: द्रौपदी मुर्मू का यशवंत सिन्हा से मुकाबला

१८ जुलाई २०२२

देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद और संबंधित राज्य विधानसभाओं में सोमवार सुबह वोटिंग शुरू हो गई. नतीजे का ऐलान 21 जुलाई को होगा. माना जा रहा है कि एनडीए उम्मीदार का पलड़ा भारी है.

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द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हातस्वीर: IANS

देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. सुबह 10 बजे से राष्ट्रपति पद के लिए संसद और संबंधित राज्य विधानसभाओं में वोटिंग शुरू हो गई. सांसदों के लिए संसद में पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. वहीं विधायकों के लिए संबंधित विधानसभा में पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.

द्रौपदी मुर्मू एनडीए की उम्मीदवार हैं, जो विपक्षी दलों द्वारा समर्थित यशवंत सिन्हा के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. मुर्मू झारखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं. वह ओडिशा की रहने वाली हैं और आदिवासी मूल की हैं. अगर मुर्मू राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वो इस पद पर पहुंचने वालीं देश की पहली आदिवासी महिला होंगी.

राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं. निर्वाचक मंडल में लगभग 4,809 पात्र मतदाता हैं. बीजेडी, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, जेडीएस, जेएमएम, बीएसपी, एआईएडीएमके और शिरोमणि अकाली दल जैसे विपक्षी दलों ने मुर्मू को समर्थन देने का वादा किया है. शिवसेना और जेडीयू ने भी समर्थन दिया है. माना जा रहा है कि मुर्मू आराम से दो-तिहाई से अधिक वोट पा लेंगी.

भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए होता है. मुर्मू का जीतना तय माना जा रहा है, क्योंकि उनके आदिवासी होने के कारण कुछ ऐसे दलों ने भी उन्हें समर्थन दिया जो विपक्ष में हैं. एनडीए उम्मदीवार की जीत की संभावना सबसे अधिक है और उन्हें 60 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं.

मतदान से एक दिन पहले एनडीए की बैठक हुई थी और इसमें मुर्मू का स्वागत किया गया. इस दौरान मुर्मू ने अपने नामांकन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि आदिवासी समाज में खुशी का माहौल है.

वहीं यशवंत सिन्हा ने वोटिंग से एक दिन पहले सभी सांसदों और विधायकों से उन्हें वोट करने की अपील की. उन्होंने एक बयान में कहा, "इस बार राष्ट्रपति चुनाव दो व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो विचारधाराओं के बीच का चुनाव है. इसलिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और मुझे वोट दें."

64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू 2017 में भी राष्ट्रपति पद के लिए मजबूद दावेदार थीं लेकिन तब बिहार के तत्कालीन राज्यपाल और दलित नेता राम नाथ कोविंद को प्राथमिकता दी गई. मुर्मू का राजनीति करियर लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है. उन्होंने एक पार्षद के तौर पर राजनीति की शुरुआत की थी. ओडिशा से दो बार भारतीय जनता पार्टी की विधायक रहीं मुर्मू को बीजेडी-बीजेपी सरकार में नवीन पटनायक ने मंत्री भी बनाया था.

चुनाव आयोग मतदान के तीन दिन बाद यानी 21 जुलाई को नतीजे घोषित करेगा और 25 जुलाई को नया राष्ट्रपति पद और गोपनीयता की शपथ लेगा.

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