रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच चीन पहुंचे पुतिन
१६ मई २०२४पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन का यह पहला विदेश दौरा है. चीन पहुंचने पर पुतिन का चीनी अधिकारियों के साथ-साथ सैन्य सम्मान गार्ड ने स्वागत किया.
यूक्रेन पर हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके पुतिन बढ़ते वैश्विक प्रतिबंधों और युद्ध के बीच अपने प्रयास को बनाए रखने के लिए अपने चीनी समकक्ष राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सैन्य और वित्तीय सहायता की तलाश में हैं. रूस हथियारों और सैनिकों की भारी संख्या के बावजूद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध नहीं जीत पाया है.
चीन पहुंचने के बाद पुतिन ने क्या कहा
चीन पहुंचने के बाद पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति की सराहना करते हुए कहा राष्ट्रीय हितों और "रणनीतिक साझेदारी" के निर्माण में जिनपिंग ने अहम भूमिका निभाई है.
पुतिन ने चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी से कहा, "यह हमारे देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का अभूतपूर्व उच्च स्तर था, जिसकी वजह से ही मैंने फिर से राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चीन का सबसे पहला दौरा करने का फैसला लिया."
'नो लिमिट्स' पार्टनरशिप
चीन और रूस ने साल 2022 में नो लिमिट्स पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर किए थे. जबकि पूरी दुनिया ने यूक्रेन पर हमले को लेकर पुतिन की निंदा की थी.
सस्ती गैस और तेल हासिल करके मॉस्को का समर्थन करने से बीजिंग को फायदा हुआ है. फिर भी चीन तेजी से पश्चिमी देशों के दबाव में आया है और उसके बैंकों को अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा होने पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों तक चीन की पहुंच बाधित हो सकती है.
इस यात्रा से पहले क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन और जिनपिंग अपने देशों के बीच "व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग" से जुड़े मुद्दे पर चर्चा करेंगे. साथ ही कहा गया कि दोनों नेता रूसी-चीनी सहयोग में विकास के प्रमुख क्षेत्रों को परिभाषित करेंगे और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
इससे पहले पिछले महीने शी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की मुलाकात हुई थी, जिसमें ब्लिकेंन ने यूक्रेन युद्ध में रूस को समर्थन देने पर चीन को चेतावनी दी थी.
रूस के यूक्रेन पर हमले से ठीक पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन का दौरा किया था और तब दोनों देशों ने कहा था कि उनकी दोस्ती की "कोई सीमा नहीं है."
चीन ने रूस को हथियार सप्लाई नहीं किए हैं लेकिन अमेरिका का कहना है कि चीनी कंपनियां ऐसी तकनीक रूस को बेच रही हैं, जो युद्ध में उसकी मदद कर रही हैं.
पुतिन की यात्रा से पहले रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने दोनों देशों के बीच साझेदारी का सारांश देते हुए कहा कि मॉस्को और बीजिंग "अधिक निष्पक्ष और लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था स्थापित करने के प्रयासों में अपना नेतृत्व बनाए रखने में स्पष्ट रूप से दिलचस्पी रखते हैं."
एए/सीके (एएफपी, एपी)