रिपोर्ट:2022-23 में 500 रुपये के नकली नोट 14.4 प्रतिशत बढ़े
३१ मई २०२३आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इसी अवधि में सिस्टम द्वारा पकड़े गए 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों की संख्या 28 प्रतिशत घटकर 9,806 नोट रह गई.
हालांकि बैंकिंग क्षेत्र में पकड़े गए नकली भारतीय मुद्रा नोटों की कुल संख्या पिछले वित्तीय वर्ष में 2,30,971 नोटों की तुलना में 2022-23 में घटकर 2,25,769 नोट रह गई. उल्लेखनीय है कि यह 2021-22 में बढ़ गया था.
आरबीआई ने 19 मई को घोषणा की थी कि 2000 रुपये के नोट चलन से वापस ले लिए जाएंगे. 2000 के नोट बदलने या जमा करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-2019 से 2000 नोट की छपाई बंद कर दी थी.
आरबीआई का यह भी कहना है कि इन नोटों की आयु चार से पांच साल तक ही थी. चूंकि करीब 89 प्रतिशत 2,000 के नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे, इसलिए इनकी आयु समाप्त ही होने वाली है.
2000 के मुकाबले 500 के नकली नोट ज्यादा मिले
आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में 20 रुपये के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि और 500 रुपये (नए डिजाइन) मूल्यवर्ग में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया है.
वहीं 10 रुपये, 100 रुपये और 2,000 रुपये के नकली नोटों में क्रमश: 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. आरबीआई ने इस दौरान 78,699 नकली 100 रुपये के नोट और 27,258 नकली 200 रुपये के नोटों की सूचना दी.
वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, "रिजर्व बैंक सक्रिय रूप से बैंक नोटों के लिए नई और उन्नत सुरक्षा सुविधाओं की शुरूआत की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है."
वार्षिक रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2022-23 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर खर्च 4,682.80 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वर्ष यह 4,984.80 करोड़ रुपये था.
बाजार में कहां से आ रहे हैं नकली नोट
भारत में नकली नोटों की खेप ज्यादातर सीमापार से आती है. पाकिस्तान और नेपाल के जरिए ऐसे नकली नोट भारत में लाए जाते हैं. नकली नोट को लेकर एनआईए ने भी हाल के सालों में कई राज्यों में छापेमारी की है और इससे जुड़े मामले भी दर्ज किए हैं. बाजार में अब ऐसे भी नकली नोट मौजूद हैं जिनकी पहचान आसानी से नहीं की जा सकती है.
नकली नोटों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक समय-समय पर सुरक्षा फीचर्स नोटों में जोड़ता रहता है.