जर्मनी: दक्षिणपंथी गुप्त बैठक में एएफडी की बड़ी भूमिका
२ फ़रवरी २०२४नवंबर 2023 में जर्मनी के पोट्सडाम में एक गुप्त बैठक हुई. इसमें धुर-दक्षिणपंथी चरमपंथी और कई नेता शामिल हुए. इनमें जर्मनी की दक्षिणपंथी-लोकलुभावनवादी पार्टी ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) भी शामिल थी. अब तीन जर्मन मीडिया प्रतिष्ठानों ने अपनी एक ताजा जांच रिपोर्ट में बताया है कि एएफडी ने अब तक जितना स्वीकार किया है, वो उससे कहीं ज्यादा गहराई तक इस बैठक से जुड़ी हुई थी.
10 जनवरी को जब पहली बार 'करेक्टिव' अखबार में इस बैठक की खबर आई, तब एएफडी नेतृत्व ने कहा कि पार्टी से जुड़ा कोई भी शख्स अपनी आधिकारिक क्षमता में वहां मौजूद नहीं था.
इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें एएफडी के सत्ता में आने पर विदेशियों और "गैर-समावेशित" जर्मनों को देश से बाहर निकालने का एक "मास्टर प्लान" भी शामिल था. मेहमानों की सूची में ऑस्ट्रिया के नियो-नाजी नेता मार्टिन जेलनर भी थे, जो एक चरपमंथी मुहिम का नेतृत्व करते हैं. इस खबर के बाद जर्मनी में देशव्यापी प्रदर्शन हुए और गैर-लोकतांत्रिक गतिविधियों के लिए एएफडी पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग भी उठी.
धुर-दक्षिणपंथ से रिश्ते छिपाने की कोशिश?
जर्मनी के तीन सार्वजनिक मीडिया प्रतिष्ठान- डब्ल्यूडीआर, एनडीआर और सुड डॉयचे साइटुंग ने अपनी एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि पोट्सडाम की गुप्त बैठक में एएफडी की भूमिका कहीं ज्यादा थी. जनवरी के मध्य में एएफडी की सांसद और पार्टी की सह-अध्यक्ष अलीस वाइडल ने बताया कि उनके और ओलांड हार्टविग के रास्ते अलग हो चुके हैं.
हार्टविग जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में एएफडी के सांसद रहे हैं और वाइडल के करीबी सलाहकारों में भी शामिल रहे हैं. पोट्सडाम की बैठक में वह भी मौजूद थे. वह एएफडी से जुड़े उन तीन लोगों में थे, जिनके मीटिंग में मौजूद होने की जानकारी है. बाकी दोनों के नाम हैं सांसद गैरिट हुई और सैक्सनी-आनहाल्ट में स्टेट लीडर उलरिष जीगमुंड.
इनके अलावा पोट्सडाम बैठक की मेजबान गेरनोट मोरिग के बेटे आर्न फ्रीडरिष मोरिग ने भी अहम भूमिका निभाई. रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें एएफडी से फंड मिल रहा था. यह रकम जिस खाते से आई, वह अलीस वाइडल का है. बताया जा रहा है कि मोरिग ने बैठक में एक नई दक्षिणपंथी सोशल मीडिया एजेंसी बनाने की योजना पेश की. रिपोर्ट का यह भी दावा है कि उन्हें 2022 से ही एएफडी के सोशल मीडिया अकाउंट और पार्टी के संसदीय नेताओं के अकाउंट चलाने का अनुबंध मिला हुआ था.
धुर-दक्षिणपंथी यूट्यूब की योजना
पोट्सडाम की बैठक और मीडिया में इससे जुड़े पहले खुलासे के बीच मोरिग एक इंफ्लूएंसर एजेंसी बनाने की योजना लाए, ताकि सोशल मीडिया पर पार्टी का विस्तार हो. योजना के तहत एक "वैकल्पिक यूट्यूब" बनाना था और जर्मनी की पब्लिक मीडिया के मुकाबले एक दक्षिणपंथ विकल्प लाना था. रिपोर्ट के अनुसार अलीस वाइडल के सलाहकार हार्टविग ने सुझाव दिया कि इस एजेंसी को सीधे एएफडी से फंड दिया जाए, जिससे युवा मतदाताओं को रिझाने में मदद मिले.
मोरिग की योजना के मुताबिक दक्षिणपंथी इंफ्लूएंसरों को इस नए मंच से जुड़ने के लिए आकर्षित किया जाए, क्योंकि ऐसे अधिकांश इंफ्लूएंसरों पर उनके कॉटेंट के मिजाज के कारण यूट्यूब चैनलों से पैसे कमाने पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है. मोरिग ने सुझाव दिया कि निजी तौर पर फंडिग करने वाले कुछ लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे "बहुत वफादार" बाजार बनाने के लिए खास अभियानों में पैसे दें.
इस योजना में इंफ्लूएंसरों और "वैकल्पिक कॉन्टेंट बनाने वालों" को एएफडी के अभियान में इस्तेमाल किया जाना था. साथ ही, लोगों के बीच विमर्श शुरू करने की उम्मीद में कुछ खास विषयों पर जोर भी दिया जाता. गुप्त बैठक के एजेंडे की खबर मीडिया में आने के बाद हार्टविग की तरह मोरिग का अनुबंध भी कथित तौर पर रद्द कर दिया गया.
अतिवादी सदस्य
डब्ल्यूडीआर, एनडीआर और सुड डॉयचे साइटुंग की रिपोर्ट रेखांकित करती है कि पोट्सडाम बैठक की मेजबान गेरनोट मोरिग कई दशकों से दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़ी अतिवादी गुटों में सक्रिय थीं. उनका संबंध जर्मनी के प्ल्योन शहर में एक स्थानीय एएफडी नेता थोमास ग्रेबिएन से भी बताया जाता है.
ग्रेबिएन ने 1990 के दशक में एचडीजे नाम का दक्षिणपंथी-चरमपंथी युवा समूह बनाया था. आंतरिक मंत्रालय ने इस संगठन को असंवैधानिक बताया था. मंत्रालय के अनुसार ये संगठन अपने नियो-नाजी दुष्प्रचार से बच्चों और किशोरों को निशाना बनाता है. 2009 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
एचडीजे के सह-संस्थापक हेनिंग प्लेस ने भी पोट्सडाम बैठक में हिस्सा लिया था, जबकि ये संगठन एएफडी की कथित "असंगत सूची" में है. इसके कारण एचडीजे से जुड़े किसी शख्स को एएफडी की सदस्यता नहीं दी जा सकती है. प्ल्योन शहर में एएफडी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि उन्हें ग्रेबिएन की पिछली गतिविधियों के बारे में नहीं पता था.