समुद्र का बढ़ता जलस्तर, खतरे में इंसान
विश्व मौसम संगठन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है ग्लोबल वॉर्मिंग 1.5 डिग्री तक सीमित रहे तो भी जलस्तर तीन मीटर तक उठेगा. रिपोर्ट के मुताबिक हर दसवां शख्स खतरे में है.
समुद्र का बढ़ता स्तर
विश्व मौसम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र का जलस्तर का असर छोटे द्वीप देशों और घनी आबादी वाले तटीय शहरों की 90 करोड़ की आबादी पर पड़ेगा.
भारत, बांग्लादेश जैसे देशों पर असर
जिन देशों का जिक्र रिपोर्ट में किया गया है उनमें भारत, बांग्लादेश, चीन और नीदरलैंड्स जैसे देश शामिल हैं. काहिरा, लागोस, मापुटो, बैंकॉक, ढाका, जकार्ता, मुंबई, शंघाई, कोपेनहेगन, लंदन, लॉस एंजेल्स, न्यूयॉर्क, ब्यूनस आयर्स और सैंटियागो सहित हर महाद्वीप के बड़े शहरों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
दो हजार साल बाद क्या होगा
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य तक सीमित रहती है तो भी समुद्र का जलस्तर 2000 सालों में दो से तीन मीटर बढ़ जाएगा. अगर वॉर्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखा जाता है तो भी समु्द्र छह मीटर तक उठेगा.
मंडराती मुसीबत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने समुद्र के स्तर में वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के उद्घाटन के मौके पर कहा कुछ देशों के तटीय क्षेत्रों में, समुद्र जल स्तर में औसत से तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने कहा कि आने वाले दशकों में निचले इलाकों में रहने वाले समुदाय– यहां तक कि पूरा देश हमेशा के लिए खत्म हो सकते हैं.
तेजी से बढ़ रहा है जल स्तर
विश्व मौसम संगठन के हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक समुद्री जल स्तर साल 1900 के बाद से बहुत तेजी से बढ़ा है, जो कि उससे पिछले तीन हजार वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है.