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ईरान: जेल में बंद प्रदर्शनकारियों को यातना और मौत का खतरा

२४ अक्टूबर २०२२

मानवाधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि महसा अमीनी की मौत के बाद से विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई में गिरफ्तार ईरानी कार्यकर्ताओं को यातना या सलाखों के पीछे मौत का सामना करना पड़ सकता है.

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एविन जेल में पिछले दिनों आग लगी थी
एविन जेल में पिछले दिनों आग लगी थीतस्वीर: SalamPix/abaca/picture alliance

22 साल की महसा अमीनी को तेहरान में नैतिकता पुलिस ने ठीक से अपना सिर नहीं ढकने के लिए हिरासत में लिया था. पुलिस हिरासत में उनकी मौत ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन को भड़का दिया, जो अब एक महीने से अधिक समय से चल रहा है.

इस्लामी शासन को चुनौती दे रही छात्राओं की जान ले रहे ईरानी सुरक्षा बल

इस बीच पिछले हफ्ते अभिव्यक्ति की आजादी के कार्यकर्ता हुसैन रोनाघी की गिरफ्तारी की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई थी. जब वे अभियोजक के कार्यालय में पेश हुए, तो उनका गला घोंटने का प्रयास किया गया. 24 सितंबर को उनकी गिरफ्तारी के बाद से वह तेहरान की एविन जेल में बंद हैं और उनके परिवार का कहना है कि किडनी की बीमारी के कारण उनकी मृत्यु का खतरा है. हुसैन रोनाघी के परिवार का कहना है कि उनके पैर टूट गए हैं.

रोनाघी कई प्रमुख कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों में से एक हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है और उनके समर्थकों को डर है कि वह कुख्यात एविन जेल से कभी जिंदा नहीं बाहर आ सकेंगे. इस जेल में अधिकांश राजनीतिक कैदी बंद हैं. ईरानी अधिकारियों के अनुसार 15 अक्टूबर को एविन जेल में आग लगने की घटना में आठ कैदी मारे गए थे. इस घटना ने बंदियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने जेल के अंदर आंसू गैस और पैलेट्स का इस्तेमाल किया, लेकिन एक भी राजनीतिक कैदी को नुकसान की कोई खबर नहीं है.

हिरासत में लिए जा रहे आवाज उठाने वाले

ओस्लो में स्थित ईरानी मानवाधिकार समूह के निदेशक महमूद अमीरी मुगद्दम के मुताबिक, "जिन्हें हिरासत में लिया गया और जबरन गायब कर दिया गया, उन्हें यातना और मौत का गंभीर खतरा है. इस समय अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तत्काल कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है."मुगद्दम के अनुसार ईरान में प्रदर्शनकारियों पर हालिया कार्रवाई के तहत कम से कम 36 पत्रकारों, 170 छात्रों, 14 वकीलों और 580 नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं सहित देश भर में हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

वॉशिंगटन स्थित अब्दुर्रहमान बोरोमैंड सेंटर के निदेशक रोया बोरोमैंड का कहना है कि तेहरान की एविन जेल और फाशा फौया जेल में बड़ी संख्या में कैदियों को लाया जा रहा है और इस वजह से स्थिति और जटिल होती जा रही है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हम बंदियों के इलाज को लेकर बहुत चिंतित हैं." उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाली जेलों में कैदी बारी-बारी से सोते हैं.

ईरान में हिजाब के विरोध से देश की सरकार नहीं बदलेगी

 जेल में जान का खतरा    

रोनाघी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ काम किया है और कई वर्षों से ईरान के इस्लामी गणराज्य के कट्टर आलोचकों में से एक रहे हैं.

ईरान में स्थिति की निगरानी करने वाले विश्लेषकों का कहना है कि देशव्यापी विरोध की हालिया लहर से निपटना तेहरान सरकार के लिए 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद से सबसे बड़ी चुनौती है और लोगों की सामूहिक गिरफ्तारी अयातोल्लाह अल खमेनेई की एक महत्वपूर्ण रणनीति है.

मानवाधिकार समूहों का कहना है कि ईरान में हिरासत में लिए कुछ लोग जबरदस्ती और यातना के कारण टीवी पर कबूलनामा देते हैं. बोरोमैंड के अनुसार, "कैदियों ने पूछताछ के दौरान गंभीर पिटाई, भोजन और साफ पानी से वंचित होने की गवाही दी है."

बोरोमैंड ने कहा, "बंदूक के घाव और टूटे हुए अंगों के साथ बंदियों को बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के असहाय छोड़ दिया जाता है."

पिछले दिनों यूरोपीय संघ ने 'नैतिकता पुलिस" के साथ ही रेवॉल्यूशनरी गार्ड के साइबर डिविजन के लिए जिम्मेदार मंत्री पर भी प्रतिबंध लगाया था. यह डिविजन देश में प्रदर्शनों के दौर में इंटरनेट पर पाबंदियां लगाने में शामिल है.

प्रतिबंधों की सूची संघ के प्रशासनिक गजट में छापी गई है. इसके मुताबिक कथित नैतिकता पुलिस के प्रमुख, रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स के बासिज अर्धसैनिक बल, नेशनल पुलिस की एक वर्दीधारी ईकाई और इन सब बलों के प्रभारियों पर यह प्रतिबंध लगाया गया है. इनमें शामिल चार संगठनों के 11 लोगों पर यूरोपीय संघ का वीजा प्रतिबंध लागू होगा. साथ ही उनकी संपत्तियां जब्त करने के निर्देश दिये गये हैं. ईरान ने इन प्रतिबंधों का "तत्काल" जवाब देने की बात कही है.

महसा अमीनी की मौत के बाद से प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाने की कोशिश की गई और ईरान ने पश्चिमी ताकतों पर देश में अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया.

एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)