रूस: नावाल्नी को मिली और नौ साल की जेल
२२ मार्च २०२२45 साल के नावाल्नी मॉस्को से पूर्व की तरफ एक जेल शिविर में बंद हैं. वो पैरोल की शर्तों के उल्लंघन के लिए पहले से ही साढ़े तीन साल की जेल काट रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को नाकाम करने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं.
ताजा मामले में अदालत ने उन्हें नौ साल की जेल की सजा सुनाई है. इस मामले को भी नावाल्नी ने राजनीति से प्रेरित बताया है. जेल के सुरक्षा अधिकारियों से भरे हुए एक कमरे में जज ने नावाल्नी के सामने ही उनके खिलाफ आरोप पढ़े. अपने वकीलों के पास खड़े नावाल्नी कमजोर नजर आ रहे थे.
लेकिन कागजात पढ़ते हुए वो शांत और निर्भीक लग रहे थे. अभियोजन पक्ष ने अदालत से मांग की थी कि नावाल्नी को धोखाधड़ी और अदालत की अवहेलना के आरोपों पर अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में 13 सालों के लिए बंद कर दिया जाए.
नावाल्नी को पिछले साल जर्मनी से वापस रूस पहुंचने के बाद जेल में बंद किया था. जर्मनी में वो अपना इलाज करवा रहे थे. उन पर 2020 में साइबेरिया की एक यात्रा के दौरान सोवियत काल के एक नर्व एजेंट से हमला किया था. उन्होंने हमले का पुतिन पर आरोप लगाया था.
क्रेमलिन ने कहा था कि नावाल्नी को जहर दिए जाने का कोई सबूत नहीं मिला था और अगर ऐसा हुआ भी था तो उसमें रूस की कोई भी भूमिका नहीं थी. आखिरी बार 15 मार्च को इस मामले में सुनवाई हुई थी और उसके बाद नावाल्नी ने विद्रोही स्वर अपनाए रखा.
उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "अगर जेल की सजा जो चीजें कहे जाने की जरूरत है उन्हें कहे जाने के मेरे मानवाधिकार की कीमत है...तो वो 113 सालों की मांग कर सकते हैं. मैं अपने शब्दों और कर्मों का त्याग नहीं करूंगा."
रूस के अधिकारियों ने नावाल्नी और उनके समर्थकों को ऐसे विद्रोहियों के रूप में दिखाने की कोशिश की है जिन्होंने पश्चिम के समर्थन के जोर पर रूस को अस्थिर करने का दृढ संकल्प कर लिया है. उनके कई साथी रूस के अंदर जेल या प्रतिबंधों का सामना करने की जगह देश छोड़ कर चले गए.
नावाल्नी के विपक्षी आंदोलन को "चरमपंथी" बता कर बंद कर दिया गया है, लेकिन उनके समर्थक अभी भी अपना राजनीतिक रुख सोशल मीडिया पर व्यक्त करते हैं. उन्होंने यूक्रेन में रूस के सैन्य हस्तक्षेप का भी विरोध किया है.
सीके/एए (रॉयटर्स/एपी)