औरतों के पीरियड्स का कैसे फायदा उठाती हैं फोन की ऐप्स
१ जुलाई २०२२काफी देर से ही सही, लेकिन स्मार्टफोन का इस्तेमाल शुरू करने के बाद मैरी कोचसीक ने जब पहली बार बाजार में उपलब्ध लाखों ऐप्लिकेशन देखीं, तो वह काफी उत्साहित हो गईं. खासतौर से पीरियड ट्रैकिंग ऐप्लिकेशन ने उनका ध्यान आकर्षित किया. आखिरकार उन्होंने सोचा कि अपनी गायनेकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से हर बार मिलने के बाद फॉर्म को हाथों से भरने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय वह डिजिटल तौर पर अपने पीरियड को ट्रैक कर सकती हैं.
कोचसीक याद करते हुए कहती हैं, "मैं उस समय इतना उत्साहित थी कि मैंने इस बारे में अपनी एक दोस्त को बताया. उसने मुझसे पूछा कि क्या मुझे यकीन है कि यह एक सुरक्षित विकल्प है. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थी."
गुलाबी इंटरफेस और जिंदगी आसान बनाने की बात करने वाली कुछ ऐप उपयोगकर्ताओं के पीरियड की जानकारी के अलावा भी काफी कुछ ट्रैक करते हैं. वे अक्सर यूजर का नाम, उनकी जगह की जानकारी, ईमेल पता और ब्राउजिंग का इतिहास वगैरह की जानकारी पर हाथ डालते हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल यूजर की दिलचस्पी के हिसाब से उसे विज्ञापन दिखाने के लिए किया जाता है.
अपना डेटा सुरक्षित रखें
जब यह जानकारी सामने आने लगी कि ये ऐप कैसे कमाई करती हैं और यूजर के डेटा को तीसरे पक्ष को बेचती हैं, तो कोचसीक परेशान हो गईं. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने हाथ से फॉर्म भरने के पुराने तरीके पर वापस न लौटने का फैसला किया.
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उन्होंने खुद डॉट ड्रिप (.drip) नाम की ऐप बनाने का फैसला किया. यह ऐसी ऐप है, जो आपके पीरियड ट्रैक करती है, लेकिन आपका डेटा सिर्फ आपके डिवाइस पर स्टोर करती है. इसकी मदद से यूजर यह भी ट्रैक कर पाते हैं कि पीरियड समय पर आ रहा है या नहीं. अगर वे गर्भ धारण करना चाहती हैं, तो इसके लिए सही समय क्या रहेगा.
इन दोनों तरह की ऐप में फर्क यह है कि पहले उपयोगकर्ताओं को मजबूरन कई चीजों को ऐक्सेस करने की अनुमति देनी होती थी. अब ऐसा नहीं करना पड़ता. जैसे कई ऐप्स को माइक्रोफोन का ऐक्सेस करने या पार्टनर के साथ संबंध बनाने का डेटा ऐक्सेस करने की अनुमति देनी पड़ती थी. साथ ही, ये ऐप उन डेटा को भी ऐक्सेस करते थे, जिनसे पता चलता था कि किसी महिला को किस सप्ताह शरीर से सबसे ज्यादा खून निकला वगैरह. इस डेटा को यूजर से हजारों किलोमीटर दूर किसी सर्वर पर स्टोर किया जाता था. अब उपयोगकर्ताओं को इस तरह के डेटा को ऐक्सेस करने की अनुमति नहीं देनी पड़ती.
हालांकि, अब भी डॉट ड्रिप जैसे गैर-व्यावसायिक ट्रैकर्स एमआई कैलेंडरियो मेंस्ट्रुअल, फ़्लो और क्लू जैसे लोकप्रिय ऐप की तुलना में काफी पीछे हैं. करीब 16 करोड़ से ज्यादा लोग इन लोकप्रिय ऐप्स को ऐप स्टोर से डाउनलोड कर चुके हैं.
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पीरियड के डेटा के इस्तेमाल को लेकर चिंता
हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ्ट से पता चला कि वह ऐतिहासिक रो वर्सेज वेड फैसले को पलटने की तैयारी में हैं. इसी कानून की वजह से महिलाओं को गर्भपात का राष्ट्रव्यापी अधिकार मिला था. सन 1973 में रो वर्सेज वेड मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर गर्भपात के अधिकार को संवैधानिक मान्यता मिली थी. सन 1992 के एक फैसले में इस अधिकार को बरकरार रखा गया था. उसे भी पलटे जाने की योजना है. इस फैसले के बाद से नए डर पैदा हो गए हैं कि कंपनियां पीरियड से जुड़े डेटा का इस्तेमाल किस तरह करती हैं.
समान डिजिटल फ्यूचर्स की वकालत करने वाली नारीवादी संस्था सुपेरर (SUPERRR) लैब की सह-संस्थापक जूलिया क्लोइबर कहती हैं, "ऐसा लगता है कि इन लोकप्रिय ऐप्स का इस्तेमाल करने से मुझसे ज्यादा इन ऐप्स को डेवलप करने वाली कंपनियों को फायदा होता है. उनके कारोबार को काफी ज्यादा लाभ होता है. गैर-व्यावसायिक ट्रैकर एक सुरक्षित विकल्प है. इन ट्रैकर्स को डेवलप करना जरूरी है, ताकि लोगों के पास इन पर स्विच करने का विकल्प हो."
निजता की सुरक्षा
पिछले कुछ वर्षों में कई सारे मुफ्त और गैर-व्यावसायिक विकल्प बाजार में उपलब्ध हुए हैं. इनकी वजह से डेटा की सुरक्षा से जुड़ी बातचीत बढ़ रही है. साथ ही, इसे बाजार के दृष्टिकोण से अलग रखा जा रहा है. यही वजह है कि अलग-अलग पहचान और जरूरत वाले लोगों के बीच भी इन ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल बढ़ा है.
उदाहरण के लिए, पीरियॉडिकल एक ऐसा ट्रैकर है, जिसका इस्तेमाल किसी भी लिंग के यूजर कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल ऑफलाइन किया जाता है. यह सिर्फ आपके फोन और मेमोरी कार्ड पर ही डेटा स्टोर करता है. डॉट ड्रिप की तरह पीरियॉडिकल ओपन सोर्स है. इसका मतलब यह है कि इस ऐप्लिकेशन को बनाने के लिए जिस कोड का इस्तेमाल किया गया है, उसे किसी के साथ मुफ्त में शेयर किया जा सकता है. साथ ही, डेटा की सुरक्षा की जांच भी की जा सकती है.
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डॉट ड्रिप की सह-संस्थापक कोचसीक कहती हैं, "ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी के बारे में समुदाय के बीच बातचीत होती है. यह एक ब्लैकहोल कोड नहीं है. जब हम पीरियड्स के बारे में बात करते हैं, तो हम महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं. उनके शरीर के बारे में बात करते हैं. इसलिए बातचीत में पूरी तरह पारदर्शिता होनी चाहिए और लोगों को इसमें शामिल होने की अनुमति मिलनी चाहिए."
इस बीच हमदम पहला ऐसा पीरियड ट्रैकर है, जो फारसी में है. इसमें फारसी जलाली कैलंडर का इस्तेमाल किया गया है. यह ऐप ईरानी उपयोगकर्ताओं को महिलाओं के अधिकारों, घरेलू हिंसा और यौन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है.
स्पेन में टेक्नोलॉजी से जुड़ी गैर-लाभकारी संस्था एटिकास ने 13 जून को एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में प्रजनन से जुड़े 12 लोकप्रिय ऐप्स की निजता से जुड़ी कार्रवाइयों का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि उनमें से सिर्फ एक ऐप वुमनलॉग (WomanLog) ने किसी भी परिस्थिति में यूजर का डेटा नहीं बेचा और न ही इसे किसी के साथ शेयर किया.
जिन ऐप्स का विश्लेषण किया गया, उनमें यूकी, स्टारडस्ट और क्लोवर जैसी ऐप्स शामिल हैं. यूकी उपयोगकर्ताओं को ऐप पर मौजूद अपना डेटा ऐक्सेस करने के लिए पिन सेट करने की सुविधा देता है.
पीरियड्स से जुड़ी जानकारी के अलावा दूसरे डेटा की ट्रैकिंग
कुछ साल पहले यह शोध किया गया था कि किस तरह पीरियड ट्रैकर्स उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा का इस्तेमाल करते हैं. 2019 में यूके स्थित चैरिटी प्राइवेसी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी थी कि किस तरह पीरियड ट्रैक करने वाले पांच ऐप्लिकेशन ने व्यावसायिक गतिविधियों के लिए फेसबुक और अन्य तीसरे पक्ष के साथ उपयोगकर्ताओं का डेटा शेयर किया था.
एक साल बाद चैरिटी ने कुछ अन्य ऐप्लिकेशन से डेटा का अनुरोध किया. साथ ही, निष्कर्ष निकाला कि जिन डेटा को ऐप्लिकेशन ने इकट्ठा किया था, उन्हें कंपनी के सर्वर के जरिए आसानी से हासिल किया जा सकता था. इससे डेटा आसानी से लीक हो सकता है.
क्लोइबर का कहना है कि पीरियड के डेटा को इकट्ठा करने से महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिल सकता है. हालांकि, तकनीकी तौर पर डेटा को सुरक्षित रखने के ढांचे के साथ पारदर्शिता और अनुपालन की कमी जोखिम भी पैदा कर सकती है.
वह कहती हैं, "पहली नजर में डेटा कुछ बिंदु हैं, जो किसी व्यक्ति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देते. हालांकि, यह (अमेरिका की स्थिति) दिखाता है कि जो डेटा पहली बार में सामान्य लगता है, उसे सुरक्षित रखने की जरूरत है, क्योंकि यदि राजनीतिक माहौल बदलता है, तो यह संवेदनशील हो सकता है."
डिजिटल अधिकार के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पोलैंड जैसे देशों में जहां गर्भपात पर पाबंदी लगाने की बात हो रही है या गर्भपात को अवैध घोषित किया गया है, वहां पीरियड ट्रैकर्स के डेटा का इस्तेमाल अभियोजकों द्वारा किया जा सकता है.
शोधकर्ता और एटिकास फाउंडेशन के संस्थापक जेमा गैलडन कहते हैं, "अगर अमेरिका में किसी महिला का गर्भपात होता है, तो अधिकारी पीरियड ट्रैकर ऐप्लिकेशन की कंपनी से डेटा मांग सकते हैं और इसका इस्तेमाल महिला के खिलाफ किया जा सकता है."
उस डेटा को खोजना इतना आसान हो सकता है, जितना गूगल पर गर्भपात से जुड़े क्लिनिक को खोजना. गैल्डन कहते हैं, "इस जानकारी का इस्तेमाल उनका परिवार या उनका साथी भी कर सकता है. इस डेटा के इस्तेमाल से जुड़े कई जोखिम है. काफी लोगों को इन जोखिमों के बारे में जानकारी नहीं है."