दुनिया की पहली बैट्री, जिसे खा सकते हैं
यह दुनिया की पहली ऐसी बैट्री है, जिसे खा भी सकते हैं. यह एक रीचार्जेबेल बैट्री है जिसे इटली के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने बनाया है.
पचने वाली बैट्री
इटैलियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने खाने की चीजों से यह बैट्री बनाई है. इससे चार्जिंग भी की जा सकती है और भूख भी मिटाई जा सकती है.
विटामिन और प्रोटीन से बनाई
इसके केंद्र में दो इलेक्ट्रोड्स लगे हैं. इसमें मुख्यतया दो चीजें लगाई गई हैं. एक तो है राइबोफ्लेविन, जो बादाम जैसी चीजों में मिलने वाला विटामिन है. दूसरा है क्वेरसेटिन, जो एक फूड सप्लीमेंट है.
रिचार्ज हो जाती है
इलेक्ट्रिकल करंट के आने जाने का काम चारकोल से होता है जबकि शॉर्टसर्किट से बचाने के लिए सेपरेटर बनाया गया है नोरी सीवीड से.
सोने के वर्क का कवर
इलेक्ट्रोड पर शहद के छत्ते में मिलने वाले मोम की परत चढ़ी है और उन्हें सोने के खाये जा सकने वाले पत्तों में लपेटा गया है.
0.65 वोल्ट पावर
यह प्रोटोटाइप बैट्री 0.65 वोल्ट्स पावर पैदा कर सकती है और इससे छोटे एलईडी बल्ब या वैसी छोटी डिवाइस चलाई जा सकती हैं. वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि इस बैट्री का इस्तेमाल शरीर में डाली जाने वाली डिवाइस के अंदर किया जा जाएगा.
शरीर के अंदर की जांच के लिए
इस बैट्री से मेडिकल की दुनिया में बड़े बदलाव संभव है क्योंकि शरीर के अंदर की जांच करने के लिए डाले जाने वाली डिवाइस इस बैट्री से चार्ज हो सकेंगी.
सेंसर भेजने के काम आएगी
शोधकर्ता बताते हैं कि इस बैट्री की मदद से शरीर में सेंसर भेजे जा सकते हैं. यह भोजन की तरह पच जाएगी और वहां की जानकारी डॉक्टरों को भेज देगी.