शार्कों का "सोशल नेटवर्क"
१४ अगस्त २०२०एक नए शोध में शार्कों के बारे में रोचक जानकारी सामने आई है. पहले से ज्ञात जानकारी के मुताबिक शार्क का सामाजिक जीवन जटिल है लेकिन नए अध्ययन से पता चला है कि प्रशांत महासागर में ग्रे रीफ शार्क आश्चर्यजनक रूप से सामाजिक नेटवर्क विकसित करती हैं और एक दूसरे से उनके संबंध सालों साल तक बने रहते हैं.
दक्षिण पश्चिम हवाई से 1,600 किलोमीटर की दूरी पर पालमीरा अटॉल पर शोधकर्ताओं ने 41 रीफ शार्कों के सामाजिक व्यवहार पर आधारित शोध किया. वैज्ञानिकों ने उन्हें ट्रैक करने के लिए ध्वनि ट्रांसमीटर और उनकी गतिविधियों को ज्यादा स्पष्टता से देखने के लिए कैमरा टैग्स का इस्तेमाल किया.
यह शोध चार साल तक चला और इस दौरान शार्कों ने सामाजिक समुदाय का गठन किया, एकांत प्रणाली में रहने वाली शार्क समय बीतने के साथ स्थिर रहीं. शोध में सामने आया कि कुछ शार्क रिसर्च के दौरान एक साथ रही. कभी-कभी 20 के करीब समूहों में शार्क सुबह का वक्त बिताती, फिर वे अलग-अलग हो जाती और अगले दिन दोबारा इकट्ठा हो जाती.
शोध के मुख्य लेखक और फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के सुमद्र जीवविज्ञानीय यानिस पापस्टैमाटिऊ के मुताबिक, "शार्क अविश्वसनीय जानवर हैं और अभी भी उन्हें काफी गलत समझा जाता है." पापस्टैमाटिऊ कहते हैं, "मैं उनके गुप्त सामाजिक जीवन के बारे में बात करना चाहता हूं क्योंकि हमने हाल ही में उनके सामाजिक जीवन को देखने और समझने के लिए ऐसे उपकरण विकसित किए हैं. सभी शार्क सामाजिक नहीं हैं, कुछ अकेले रहती हैं."
रीफ शार्क मध्यम आकार की होती हैं, वे दो मीटर तक लंबी होती हैं. शोधकर्ताओं को शक है कि शार्क इसलिए एक साथ घूमती हैं क्योंकि उन्हें शिकार का पता लगाने में मदद मिल सकती है.
लंदन के जीवविज्ञान इंस्टीट्यूट के समुद्र जीवविज्ञानी डेविड जकूबी के मुताबिक, "कुछ समय से हमें पता है कि शार्क के अंदर एक खास समूह के सदस्यों को पहचानने और सामाजिक होना पसंद है. हमारे शोध से पहली बार पता चलता है कि वे वास्तव में कई सालों तक सामाजिक साझेदार को बनाए रखने में सक्षम हैं."
एए/सीके (रॉयटर्स)
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