पर्यटकों पर जुर्माना लगाएगा यह गांव
दक्षिण कोरिया के एक गांव ने पर्यटकों की भीड़ को कम करने के लिए कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. कर्फ्यू के दौरान कोई पर्यटक आया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा.
पर्यटकों पर जुर्माना
दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल के नजदीक बुकचोन हानुक गांव में पर्यटकों की भीड़ को कम करने के लिए कर्फ्यू लगाया जाएगा. इसका परीक्षण नवंबर में शुरू होगा और मार्च में आधिकारिक रूप से लागू होगा. पर्यटकों का प्रवेश शाम 5 बजे से सुबह 10 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा. नियम तोड़ने वालों पर 1,00,000 वॉन (करीब 600 रुपये) तक का जुर्माना लगेगा.
निवासियों की चिंताएं
इस नीति का उद्देश्य शोर, कचरा, सार्वजनिक पेशाब और पर्यटकों द्वारा निवासियों की गोपनीयता भंग करने जैसी समस्याओं को हल करना है, जैसे घरों में झांकना या दरवाजे खोलने की कोशिश करना.
गिरती आबादी
पर्यटकों की भारी संख्या के कारण पिछले 10 वर्षों में स्थानीय आबादी में 27.6 फीसदी की कमी आई है. अब बुकचोन में लगभग 6,100 निवासी बचे हैं. कई स्थानीय लोग पर्यटकों द्वारा उनके घरों में झांकने जैसी चीजों से परेशान होकर गांव छोड़ गए हैं.
होटलों की भरमार
2020 के बाद से हनोक में पर्यटकों के लिए आवास चलाने पर प्रतिबंधों में ढील दी गई, जिससे बुकचोन में कॉरपोरेट हनोक स्टे की संख्या बढ़ गई. 2010 में 10 पारंपरिक घर थे, जो 2024 तक 116 हो गए.
पर्यटन में वृद्धि
जोसियन राजवंश के समय का बुकचोन एक पारंपरिक आवासीय इलाका है. यह टीवी शो में दिखाए जाने के बाद एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है. पिछले साल लगभग 60 लाख लोग इस गांव में आए.
व्यवसाय का असर
कई स्थानीय निवासी इस बात से भी नाराज हैं कि बड़ी कंपनियों ने वहां होटल आदि बनाकर उनके रोजगारों को हड़प लिया है. हानुक स्टे प्लेटफॉर्म बटर डॉट ली के सीईओ ली डोंग-वू का कहना है कि उनका व्यवसाय लोगों के अनुरोध पर घरों के रख-रखाव में मदद पर आधारित है, न कि निवासियों को हटाकर व्यवसाय चलाने पर.
पर्यटकों की प्रतिक्रिया
कुछ पर्यटक कर्फ्यू का समर्थन करते हैं ताकि निवासियों का जीवन बेहतर हो सके, जबकि कुछ इसे अनुचित मानते हैं और जुर्माना लगाए जाने से नाखुश हैं.
विशेषज्ञ की राय
हनयांग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ली हून का मानना है कि कर्फ्यू मददगार हो सकता है, लेकिन आवश्यक सुविधाएं जैसे सामान्य स्टोर, सैलून और टॉयलेट आदि भी होने चाहिए ताकि गांव का व्यवसायीकरण रुके और निवासियों की असुविधाएं कम हों. वीके/एए (रॉयटर्स)