चीन सरकार को परेशान करता शंघाई का कोविड
१५ अप्रैल २०२२शंघाई के एक रेजिडेंशियल इलाके में पुलिस ने वहां के बाशिंदों को अपना घर सरेंडर करने का आदेश दिया. घरों को कोविड-19 पीड़ितों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया जाना था. लेकिन बहुत लोगों ने घर छोड़ने से इनकार कर दिया. चीनी सोशल मीडिया पर लोगों और पुलिस की धक्का मुक्की के वीडियो वायरल हो रहे हैं.
आबादी के लिहाज से दुनिया का तीसरा बड़ा शहर शंघाई अप्रैल की शुरुआत से लॉकडाउन झेल रहा है. चीन अब तक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सख्त "जीरो-कोविड पॉलिसी" लागू करता रहा है. दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर ही पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ. 2021 में चीन ने आबादी के बड़े हिस्से को कोविड-19 के खिलाफ तैयार लोकल वैक्सीन भी लगाई. लेकिन इन सबके बावजूद फिलहाल चीन में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. शंघाई में रोज संक्रमण के 20,000 नए मामले दर्ज हो रहे हैं.
प्रशासन पर भड़कते लोग
गुरुवार देर शाम चीन के सोशल मीडिया में शंघाई के कुछ वीडियो वायरल होने लगे. इन वीडियो में अपनी रिहाइशी इमारतों से बाहर निकले लोग पुलिस पर चीखते दिख रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने जब विरोध कर रहे लोगों की लाइन भेदकर भीतर जाने की कोशिश की तो धक्का मुक्की होने लगी.
एक क्लिप में पुलिस कई लोगों को गिरफ्तार करती हुई नजर आ रही है. लोगों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप भी लगाया है.
हाउसिंग सोसाइटी बनाने वाले डेवलपर झांगजियांग ग्रुप के मुताबिक, प्रशासन ने 39 घरों को खाली करने का आदेश दिया था. आदेश "एपिडेमिक प्रिवेंशन एंड कंट्रोल" पॉलिसी के तहत जारी किया गया. ऑर्डर के मुताबिक खाली कराए घरों में प्रशासन कोविड-19 के मरीजों को रखना चाहता है.
लोगों को आखिरकार अपना घर प्रशासन के हवाले करना पड़ा. झांगजियांग ग्रुप ने लोगों को मुआवजा और रहने के लिए दूसरी सोसाइटी में घर देने का दावा किया है.
प्रशासन के खिलाफ गुस्से के दुर्लभ मामले
चीन की कम्युनिस्ट सरकार आलोचना, विरोध या प्रदर्शनों को दबाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती है. इन कोशिशों के तहत मीडिया, इंटरनेट और सूचना के तमाम माध्यमों पर कड़ी नजर रखी जाती है. लेकिन कई लोग सोशल मीडिया के लाइव फीचर का इस्तेमाल कर कुछ घंटों के लिए ऐसी निगरानी को गच्चा दे देते हैं. शंघाई से बहुत सारे वीडियो इस तरह लाइव फीचर का इस्तेमाल कर इंटरनेट पर डाले गए.
एक लाइव वीडियो में एक रोती हुई महिला और एक शख्स को कार में डालते अधिकारी दिख रहे हैं. महिला पूछ रही है कि, "क्यों वे एक बुजुर्ग को इस तरह ले जा रहे हैं?"
एक और लाइव वीडियो में एक महिला कहने लगी, "झांगजियांग ग्रुप हमारे कपाउंड को क्वारंटीन स्पॉट में बदलना चाहता है, और कोविड पॉजिटिव लोगों को हमारे कपाउंड में आने दे रहा है."
चीन में नहीं रुक रहा कोविड, सामानों की ग्लोबल सप्लाई प्रभावित
बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले बाकी लोग भी प्रशासन के ऐसे आदेशों से घबरा रहे हैं. कोविड-19 के कारण शंघाई में अस्पताल भर चुके हैं. लॉकडाउन के कारण खाने पीने का सामान जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में घर छोड़कर कुछ दिन के लिए दूसरी जगह पर रहना आसान नहीं. लोगों को यह भी चिंता है कि अगर परिवार में किसी को कोविड-19 हो गया तो वे खुद क्या करेंगे.
शी के सामने चुनौती
चीन सरकार अब तक कोविड से निपटने के अपने तरीके को दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के मुकाबले बेहतर बताती आ रही थी. चीन के सरकारी मीडिया में अमेरिका, यूरोप और भारत समेत कई देशों में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या अकसर दिखाई जाती है और फिर उसकी तुलना चीन के आंकड़ों से की जाती है.
लेकिन अब शंघाई में कोरोना विस्फोट के बाद चीन की कोविड पॉलिसी और चाइनीज वैक्सीन की क्षमता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. और ये सवाल चीन के लोग उठा रहे हैं. चीन में इसी साल कम्युनिस्ट पार्टी का पांच साल में एक बार होने वाला महासम्मेलन है. शी को उम्मीद थी कि वे कोविड, इकोनॉमी और बढ़ते प्रभाव को सहारा बनाकर अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगे. फिलहाल शंघाई का कोविड और लॉकडाउन शी की छवि में एक सुराख साबित हो रहा है.
ओएसजे/एनआर (एएफपी, डीपीए)