मास्टरस्ट्रोक है शिंदे को महाराष्ट्र का सीएम बनाना?
१ जुलाई २०२२महाराष्ट्र में गुरुवार को राजनीति का पासा एक बार फिर पलटा और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. बीजेपी नेता और बधाइयों के लड्डू खा चुके देवेंद्र फड़णवीस को उपमुख्यमंत्री का पद मिला है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे ने राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में गुरुवार देर शाम शपथ ली. ठाकरे ने 31 महीने पद पर बिताए और एकनाथ शिंदे ने दर्जनों विधायकों के साथ उनकी सरकार से बगावत कर दी जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी.
शिंदे के मुख्यमंत्री बनने में कई हैरतअंगेज मोड़ आए. गुरुवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फडणवीस ने कहा था कि वह सरकार में शामिल नहीं होंगे. लेकिन उसके कुछ ही देर बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने ऐलान किया कि पार्टी सरकार में शामिल होगी.
गैर-ठाकरे मुख्यमंत्री
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है. लेकिन इसे कई विशेषज्ञ शिवसेना के लिए एक बड़े आघात के रूप मे देख रहे हैं. लेखक आनंद रंगनाथन कहते हैं कि एक गैर-ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना ठाकरे परिवार के लिए ज्यादा बड़ा झटका है. उन्होंने लिखा, "बीजेपी के मुख्यमंत्री से ज्यादा अगर कोई बात ठाकरे परिवार को दुख पहुंचा सकती है तो वह है एक गैर-ठाकरे शिवसैनिक का मुख्यमंत्री बनना. बदला जितना रूखा हो उतना क्रूर होता है लेकिन इतना क्रूर? गजब किया देवेंद्र फडणवीस.”
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एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने को अमित शाह के मास्टरस्ट्रोक के तौर पर पेश किया जा रहा है. लेखक और राजनीतिक विश्लेषक राजीव गुप्ता ने इसे मास्टरस्ट्रोक बताया तो लेखक संजय झा ने इसे शिवसेना को बांटने की चाल बताया.
संजय झा ने लिखा, "क्या यह मास्टरस्ट्रोक है? नहीं. अगर बीजेपी आज एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने को राजी है तो उन्होंने 2019 में उद्धव ठाकरे को वादा करने के बावजूद मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? यह बस शिवसेना को तोड़ने की मौकापरस्त राजनीति है. शिंदे एक कठपुतली मुख्यमंत्री होंगे.”
खुश नहीं थे देवेंद्र फडणवीस?
बीजेपी अध्यक्ष जेडी नड्डा ने कहा, "केंद्रीय नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को निर्देश दिया है कि वह उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालें.” इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट कर कहा कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाया है.
शाह ने ट्वीट किया, "जेपी नड्डा की सलाह पर देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाया है और महाराष्ट्र के लोगों की भलाई के लिए सरकार में शामिल होने का फैसला किया है.” इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी ने खुद फडणवीस से बात की थी. उन्होंने ट्विटर पर फडणवीस की तारीफ की.
मोदी ने लिखा, "देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई. वह हर बीजेपी कार्यकर्ता के लिए एक प्रेरणा हैं. उनका अनुभव और विशेषज्ञता सरकार के लिए मूल्यवान होगा. मुझे यकीन है कि वह महाराष्ट्र के विकास की गति को और मजबूत करेंगे.”
राज्य में बीजेपी के पास 106 विधायक हैं और 288 सदस्यों वाली विधानसभा में वह सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन 39 सदस्यों के समर्थन वाले एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने का ऐलान बीजेपी नेता फडणवीस ने ही किया. इसके बाद शिंदे ने बीजेपी को धन्यवाद किया.
शिंदे ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और देवेंद्र फडणवीस को आभार प्रकट करता हूं. यह सरकार आम आदमी की उम्मीदों को पूरा करेगी. हम महाराष्ट्र में एक मजबूत सरकार देखेंगे. मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मुख्यमंत्री बनाने के रूप में फडणवीस ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया है, उसमें कोई कमी ना रह जाए.”
शिंदे ने भी फडणवीस के ‘बड़े दिल' की तारीफ की. उन्होंने कहा, "120 विधायकों के साथ कोई ऐसा नहीं करता. अगर वे चाहते तो मुख्यमंत्री पद अपने पास रख सकते थे. लेकिन उन्होंने बड़प्पन दिखाया और बालासाहेब के शिव सैनिक को मुख्यमंत्री बनाया.”
फडणवीस ने कहा, "हम सत्ता के पीछे नहीं हैं. यह विचारधारा और हिंदुत्व की लड़ाई है. इसीलिए बीजेपी ने एकनाथ शिंदे का समर्थन करने का फैसला किया.” शिवसेना ने 2019 में बीजेपी कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जिसे बीजेपी ने हिंदुत्व विरोधी बताया था. एकनाथ शिंदे ने इसी अघाड़ी गठबंधन के विरोध में पार्टी से बगावत की थी.