भूकंप से हिले भारत के सात राज्य, नेपाल में 6 की मौत
९ नवम्बर २०२२भारत के सात राज्यों में देर रात करीब दो बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक नेपाल में भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया. भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई. नेपाल के दोती जिले में भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था.
नेपाल में भूकंप के झटकों के कारण कई मकान ध्वस्त हो गए और शुरूआती रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. दोती के पुलिस उपाधीक्षक भोला भट्टा ने गृह मंत्रालय के अधिकारी तुलसी रिजाल द्वारा साझा किए आंकड़े की पुष्टि करते हुए कहा कि आठ घरों के ढहने से पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
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नेपाल के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे जानमाल के नुकसान का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं.
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "मैंने संबंधित एजेंसियों को घायलों और अन्य पीड़ितों के तत्काल और उचित इलाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया है."
नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने कहा कि राहत और बचाव दल प्रभावित इलाकों में पहुंच गए हैं और दो हेलीकॉप्टर भी तैयार रखे गए हैं.
दोती जिले की एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी कल्पना श्रेष्ठ ने कहा कि भूकंप के केंद्र के आसपास के गांवों से विवरण एकत्र किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मलबे से बचाए गए लोगों में एक बच्चा भी शामिल है.
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भारत में भी महसूस किए गए झटके
भारत में भी देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए. भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में झटके महसूस किए गए. हालांकि भारत में किसी जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत के कई शहरों में झटके करीब करीब 10 सेकंड तक महसूस किए गए. दिल्ली से सटे नोएडा और गुरूग्राम में भी झटके महसूस किए गए. भूकंप का एहसास होने पर लोग घरों से बाहर आ गए. देर रात भूकंप का अनुभव होने पर लोगों ने ट्विटर पर ट्वीट करना शुरू कर दिया. जिसके बाद ट्विटर पर #earthquake ट्रेंड करने लगा.
नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए और 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. भूकंप के कारण पांच लाख से अधिक घर नष्ट हो गए. इस भूकंप ने कई कस्बों और सदियों पुराने मंदिरों को पूरी तरह से मिटा दिया. भूकंप के कारण नेपाली अर्थव्यवस्था को छह अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था.