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भ्रष्टाचार के मामले में पेश होंगे जैकब जूमा

१५ जुलाई २०१९

उत्तराखंड के जोशीमठ में एक शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च कर हाल में चर्चा में रहे सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा के बीच मिलीभगत के मामले में जैकब जूमा अदालत में सफाई देंगे.

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Südafrika Prozess gegen Jacob Zuma in Durban
तस्वीर: Reuters/N. Bothma

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा से 15 जुलाई को भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ की जा रही है. जैकब जूमा का पिछले दशकों में दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में दबदबा रहा है. जूमा की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कॉन्ग्रेस ने फरवरी 2018 में उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कारोबारी मित्रों को सत्ता में रहते हुए मदद पहुंचाई. साथ ही, नौ साल तक सत्ता में रहने के दौरान उनके कारोबारी मित्रों ने देश के संसाधनों का दुरुपयोग किया और सरकारी नियुक्तियों में भी हस्तक्षेप किया.

जेजेड के नाम से मशहूर जूमा ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि ये सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. उनके वकील ने जांचकर्ताओं को एक पत्र लिखकर कहा कि उन पर लगे आरोप पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. जूमा अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ 15 से 20 जुलाई के बीच साक्ष्य देंगे. ये पूरी कार्यवाही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय टीवी चैनल पर लाइव दिखाई जाएगी.

पहले नहीं हुआ किसी पूर्व राष्ट्रपति पर केस

दक्षिण अफ्रीका के लिए ये एक दुर्लभ मामला है जब किसी राष्ट्रपति के पद से हटने के बाद उस पर केस दर्ज किया गया हो. हालांकि जूमा के लिए पहली बार नहीं है जब वो किसी केस में  शामिल हैं. वो पहले भी 1990 में हुए एक सैन्य सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में अदालत में पेश होते रहे हैं.

जूमा ने अपने पद से हटने से कुछ दिन पहले ही अपने खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए थे. पार्टी में उनके विरोधी और दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जूमा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद पार्टी के दूसरे सदस्यों ने जूमा पर दबाव बनाया और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए. रामाफोसा और जूमा एक ही पार्टी से हैं.रामाफोसा का कहना था कि जूमा पर लगे आरोप उनकी पार्टी की छवि भी खराब कर रहे हैं.

Südafrika - neuer Präsident Cyril Ramaphosa
सिरिल रामाफूसा फिलहाल दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति हैं.तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

जूमा 2016 से इस जांच के लिए आदेश नहीं दे रहे थे. 2016 में दक्षिण अफ्रीका की भ्रष्टाचार निरोध के लिए काम करने वाली पब्लिक प्रोटेक्टर ने बताया था कि दक्षिण अफ्रीका में बड़े व्यापारी गुप्ता बंधुओं ने मंत्रिमंडल गठित करने में हस्तक्षेप किया. इसके अलावा उन्हें बड़ी संख्या में सरकारी ठेके भी मिले. ये ठेके गलत तरीके से आवंटित किए गए थे. जिन गुप्ता बंधुओं पर आरोप है वो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं. हाल में परिवार में एक शादी के लिए उत्तराखंड के जोशीमठ पहुंचे गुप्ता परिवार ने उस शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इन गुप्ता बंधुओं के नाम अजय, अतुल और राजेश गुप्ता हैं.

जूमा के व्यावसायिक मित्र कहे जाने वाले गुप्ता परिवार ने इन आरोपों का खंडन किया. जूमा के सत्ता से बेदखल होने के बाद गुप्ता परिवार ने दक्षिण अफ्रीका छोड़ दिया.

भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रशासन में बड़े बदलाव

रामाफोसा ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद सरकार और सरकारी कंपनियों में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए. उनका कहना था कि इन परिवर्तनों से यहां व्याप्त भ्रष्टाचार कम हो सकेगा. साथ ही शिथिल हो चुकी अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी. हालांकि रामाफोसा को भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इसकी वजह राजनीति में उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों पर जैकब जूमा का प्रभाव और उन्हें विरासत में मिली आर्थिक समस्या है. रामाफोसा का कहना है कि वो हालात बदल रहे हैं.

जूमा पर चल रही जांच की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका के उप मुख्य न्यायाधीश रेमंड जोंडो कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले की पहली सुनवाई अगस्त में की थी. और इसका फैसला अगले साल तक आने की उम्मीद है.

आरएस/एमजे (रॉयटर्स)

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