फोन पर जेलेंस्की-मोदी की बातचीत में भारत ने की पेशकश
५ अक्टूबर २०२२प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की. उन्होंने कहा कि सात महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने और शांति स्थापित करने में भारत मदद को तैयार है.
दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि मोदी ने शांति स्थापना के लिए मदद की पेशकश की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, "उन्होंने (मोदी ने) अपना यह विचार दोहराया कि विवाद का कोई सैन्य हल नहीं हो सकता. उन्होंने पेशकश की कि शांति प्रयासों में योगदान देने को भारत तैयार है.” इस बयान के मुताबिक मोदी ने दोहराया कि हमले रोके जाने चाहिए और बातचीत व कूटनीति का रास्ता अपनाया जाना चाहिए.
दोधारी तलवार पर भारत
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान' शुरू किया था. बीते सात महीनों के पश्चिमी देशों के जोर देने के बावजूद भारत ने रूस की इस कार्रवाई की आलोचना नहीं की है. हालांकि भारतीय नेता विभिन्न मंचों पर कहते रहे हैं कि वे युद्ध के खिलाफ हैं और दोनों पक्षों को बातचीत से मसले सुलझाने चाहिए लेकिन संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर भारत ने मतदान में कभी हिस्सा नहीं लिया है.
इसी महीने जब रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया तो भी भारत ने मतदान से गैरहाजिर रहने की अपनी पुरानी रणनीति ही अपनाई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश किए गए इस प्रस्ताव में रूस के यूक्रेनी इलाकों में कराए गए जनमत संग्रह को अवैध करार देने की बात कही गई थी लेकिन भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
इस कारण पश्चिमी देशों में भारत पर रूस के प्रति नरम रहने के आरोप लगते रहे हैं. इस आलोचना की काट के तौर पर भारत ने हाल के दिनों में यूक्रेन के प्रति कई नरम बयान दिए हैं. मंगलवार को मोदी की जेलेंस्की से बातचीत को भी उसी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. भारतीय पीएमओ ने कहा कि "प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत परमाणु संस्थानों की रक्षा और सुरक्षा की अहमियत को समझता है.” उन्होंने कहा कि यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों को किसी तरह का खतरा जन-स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बेहद गंभीर होगा.
जेलेंस्की ने कहा, सच्चाई नहीं बदलेगी
जेलेंस्की के दफ्तर द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भारतीय नेता को रूस के हमलों और उसके हिस्सों को अलग किए जाने के बारे में जानकारी दी. बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन के हिस्सों को अवैध रूप से अलग करने की कोशिशों से जुड़े आक्रमणकारी के सारे फैसले अशक्त हैं और वस्तुस्थिति में कई बदलाव नहीं करते.”
उधर रूसी संसद के ऊपरी सदन फेडरेशन काउंसिल ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को अलग किए जाने को मंजूरी दे दी है. पिछले हफ्ते ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक जनमत संग्रह के बाद इन इलाकों को अलग करने का ऐलान किया था. उसके साथ ही पुतिन ने लोगों को सेना में भर्ती करने का बड़ा अभियान भी शुरू किया था.
रूस ने कहा है कि तीन लाख आरक्षित सैनिकों को सक्रिय सेवा में लाने की योजना है जिनमें से दो लाख पहले दस दिन में ही आ गए हैं. लेकिन कुछ रूसी वकीलों का कहना है कि उन्हें बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की अर्जियां मिल रही हैं जो चाहते हैं कि उन्हें युद्ध के मैदान में ना भेजा जाए.
दूसरी तरफ, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि उनकी सेना ने रूस द्वारा जीत लिए गए इलाकों में बड़ी तेजी से बढ़त हासिल की है और पिछले एक हफ्ते में दर्जनों कस्बों को फिर से जीत लिया है. जेलेंस्की ने कहा, "सिर्फ इस हफ्ते में, रूस के कथित जनमत संग्रह के बाद दर्जनों कस्बों को आजाद कराया गया है, जो खेरसोन, खारकीव, लुहांस्क और दोनेस्त्सक में हैं.”
वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, डीपीए)