खास खुशबुओं के कारोबार का दम
ये प्रचार नहीं करते, कम ही लोगों ने उनका नाम सुना है, लेकिन फिर भी हर साल करोड़ों यूरो का कारोबार इन खास खुशबुओं के हिस्से आता है. ये उन्हें ज्यादा पसंद हैं जो भीड़ से अलग रहना चाहते हैं.
बड़ा कारोबार
ऊंची गुणवत्ता, प्राकृतिक और दुर्लभ सामग्रियों से कम मात्रा में बनने वाली ये खुशबुएं अपना खास गुण बरकरार रखने के बाद भी बड़ा कारोबार बन रही हैं. दिलचस्प यह है कि जेन जी के युवा भी इन्हें अपना रहे हैं.
बढ़ी बिक्री
फ्रांस में खास खुशबु बनाने वाली कंपनी परफ्यूम दे मार्ली का कारोबार 2023 में 50 प्रतिशत बढ़ गया. इस साल भी लगभग 40 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ कंपनी को करीब 60 करोड़ डॉलर तक कारोबार पहुंचने की उम्मीद है.
दुर्लभ प्राकृतिक सामग्रियों का खेल
अनोखी और जटिल खुशबुएं तैयार करने के लिए प्रोड्यूसर गैरपारंपरिक सामग्रियों का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. इनमें अंबर, बर्गमोट, देवदार, पिंक पेपरकॉर्न या रुबाब जैसी चीजें शामिल हैं.
अनोखी खुशबुओं का बाजार
खुशबू यानी परफ्यूम के बाजार में खास खुशबुओं की हिस्सेदारी महज 10-12 फीसदी की है. हालांकि इसका तेजी से विस्तार हो रहा है. हर साल इनकी बिक्री 13 फीसदी की दर से बढ़ रही है जबकि बड़े पैमाने पर बनने वाली खुशबुओं की बिक्री 3-5 फीसदी ही बढ़ रही है.
ऊंची कीमत
परफ्यूम्स दे मार्ली दुनिया के 80 देशों में बिकती है लेकिन इसका मुख्य कारोबार अमेरिका में है. यहां पर एक छोटे सी शीशी की कीमत भी कम से कम 250 डॉलर होगी. वैसे कई ऐसे भी परफ्यूम बनाने वाले हैं जिनकी कीमत 15-20 हजार डॉलर तक भी हो सकती है.
अलग होने का मिला फायदा
लग्जरी इंडस्ट्री पर किताब लिखने वाली जूली एल गौजी का कहना है कि 1990 के दशक में परफ्यूम को लेकर ध्रुवीकरण होने लगा और कंपनियां एक दूसरे की नकल करने लगीं. इसी दौर में खास खुशबुओं के कारोबार ने सिर उठाया.
भीड़ से अलग
जब ज्यादातर परफ्यूम एक जैसे होने लगे तो कुछ प्रोड्यूसरों ने अलग करने की ठानी. उन्होंने महंगी और दुर्लभ सामग्रियों का इस्तेमाल शुरू किया और उन सामग्रियों के नाम से ही परफ्यूम बेचने लगे ना कि ब्रांड के नाम से. इस तरह से इन खुशबुओं का जन्म हुआ.
सस्ती बोतलों में बेहतरीन खुशबू
इन प्रोड्यूसरों के पास अच्छी बोतलों में निवेश करना संभव नहीं था तो उन्होंने सामान्य चौकोर बोतलों में ही उन्हें बेचना शुरू किया. लोगों को खुशबू पसंद आई तो वो ऊंची कीमत देने के लिए तैयार हो गए. यह तरीका इतना लोकप्रिय हुआ कि बड़ी कंपनियां भी साधारण बोतलों में परफ्यूम बेचने लगीं.
चीन के लोग और जेन जी की भी पसंद
चीन को दुनिया भर में सस्ती चीजों से जोड़ा जाता है, लेकिन इन खास खुशबुओं के वो भी बड़े शौकीन हैं. दूसरी तरफ तेज रफ्तार वाली जेन जी को भी इन खुशबुओं से खासा लगाव है. जेन जी वो हैं जिनका जन्म 1990 के दशक के आखिरी सालों और 21वीं सदी के पहले दशक में हुआ.