सर्वे: भारतीय कंपनियों में कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ी
जॉब्स फॉर हर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कॉर्पोरेट भारत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां महिलाओं को अधिक रोजगार देने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है.
बढ़ी कामकाजी महिलाएं
जॉब्स फॉर हर ने 300 कंपनियों का सर्वे किया और पाया कि सर्वे में शामिल कंपनियों में महिलाएं लगभग 50 फीसदी हैं. 2021 की तुलना में यह 17 फीसदी की वृद्धि है.
लिंग विविधता पर जोर
अध्ययन के मुताबिक 70 फीसदी कंपनियों के पास अब अपनी नियुक्ति में लिंग विविधता हासिल करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्य हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत है.
काम पर महिलाओं के लौटने के लिए आसान होते रास्ते
काम पर लौटने वाली महिलाओं के समर्थन में 57 प्रतिशत बड़े उद्यमों और 43 प्रतिशत स्टार्टअप/एसएमई ने उनकी सहायता के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं.
महिलाओ को रोजगार देने के लिए
महिलाओं की भर्ती बढ़ाने के लिए भी कंपनियां जोर दे रही हैं. सर्वे में शामिल 51 फीसदी कंपनियों ने बताया कि उन्होंने नौकरी देने वाले प्लेटफॉर्मों के साथ साझेदारी की है.
वर्क फ्रॉम होम का चलन घटा
कोरोना काल के दौरान वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा था. 2022 में आयोजित विविधता सर्वे ने महामारी के बाद की अवधि के दौरान इस नीति को अपनाने में धीरे-धीरे कमी का संकेत दिया है. वर्तमान कार्यान्वयन दर अभी भी महामारी-पूर्व युग से अधिक है. 2019 में वर्क फ्रॉम होम को लागू करने वाली कंपनियों का प्रतिशत 59 प्रतिशत था, जो 2020 में बढ़कर 85, 2021 में 83 और फिर 2022 में घटकर 63 प्रतिशत हो गया.