अफगानिस्तान पर कब्जा जमा रहा है तालिबान
२२ जुलाई २०२१जनरल मार्क मिली ने कहा है कि के लिए अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण रखना मुश्किल नहीं है, लेकिन वह अभी भी बातचीत के जरिए राजनीतिक समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा तालिबान ने हमलों के जरिए "रणनीतिक गति" हासिल की है, लेकिन उसकी जीत सुनिश्चित नहीं है.
पेंटागन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिली ने कहा कि तालिबान ने स्पष्ट रूप से अफगानिस्तान पर नियंत्रण के लिए लड़ाई में "रणनीतिक नेतृत्व" हासिल किया है. उन्होंने बताया कि तालिबान ने प्रमुख शहरों पर अपना दबाव बढ़ा दिया है और आने वाले हफ्तों में एक निर्णायक लड़ाई के लिए मंच तैयार है.
जनरल मिली ने कहा, "अब अफगान नेतृत्व, अफगान लोगों, अफगान और सुरक्षा बलों की इच्छाशक्ति की परीक्षा होने जा रही है."
अभी खेल खत्म नहीं हुआ
जनरल मिली का बयान ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी लगभग पूरी हो चुकी है. पेंटागन का कहना है कि वापसी का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और सैन्य वापसी 31 अगस्त तक पूरी हो जाएगी. हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने अगस्त के बाद भी अफगान सुरक्षाबलों को वित्तीय और सैन्य सहायता देना जारी रखने का वादा किया है.
जनरल मिली ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान के 400 जिलों में में से लगभग आधे पर कब्जा कर लिया है. हालांकि उन्होंने अभी तक 34 प्रांतीय राजधानियों में से किसी पर कब्जा नहीं किया है, उन्होंने उनमें से लगभग आधे पर महत्वपूर्ण दबाव बनाया है. तालिबान के अधिक से अधिक क्षेत्रों पर कब्जा करने के साथ अफगान सुरक्षा बल काबुल समेत अन्य क्षेत्रों में आबादी की रक्षा के लिए अपनी स्थिति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
मिली ने कहा, "पिछले कुछ महीनों में तालिबान ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और जिस गति से वे आगे बढ़ रहे हैं वह एक तरह से एक निर्णायक कदम है."
अफगान नागरिकों की चिंता
अमेरिकी सैन्य प्रमुख ने कहा कि हालांकि तालिबान यह धारणा देने की कोशिश कर रहा था कि अमेरिका समर्थित काबुल सरकार पर उनकी जीत अपरिहार्य है, उनका मानना है कि अफगान सेना और पुलिस को प्रशिक्षण और हथियार मिले थे. मिली कहते हैं, "उसके आधार पर वे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं."
उन्होंने कहा कि बातचीत से राजनीतिक हल निकल सकता है, लेकिन उन्होंने "तालिबान द्वारा पूर्ण कब्जे" से इनकार किया. मिली ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि खेल खत्म हो गया है."
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के मुताबिक, "हम अब आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे न कि अफगानिस्तान में तालिबान से." उन्होंने कहा, "हम अल कायदा पर नजर रखेंगे जो चरमपंथी नेटवर्क है, जिसने 2001 में अमेरिका पर हमले की साजिश के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल किया था और बाद में उसे एक पनाहगाह बना डाला."
ऑस्टिन के मुताबिक, "अफगानिस्तान से हमारे देश में हिंसा और आतंकवाद का निर्यात न हो. इसलिए हम न केवल इन खतरों का पता लगाने की क्षमता को बनाए रखेंगे, बल्कि उसके उत्पन्न होने से पहले उसका समाधान भी करेंगे.
एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)